स्टालिन सरकार ने केंद्र से सीबीआई सहमति वापस ली
डीएमके मंत्री वी सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवारब को गिरफ़्तार कर लिया था, जिसकी सभी विपक्षी दलों ने आलोचना की थी। बिहार के उपमुख़्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अभी तक चार्जशीट में मेरा नाम नहीं है लेकिन जिस प्रकार विपक्षी नेताओं पर छापे पड़ रहे है, और उन्हें गिरफ़्तार किया जा रहा है मुझे भी जल्द ही किसी मामले में फंसा कर जेल में डाला जा सकता है।
लोकसभा चुनाव तक विपक्षी नेताओं पर इस तरह के छापे पड़ते रहेंगे। उनकी गिरफ्तारियां होती रहेंगी, लेकिन इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ने वाला है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने बिजली मंत्री के घर और कार्यालय की तलाशी लेने के ईडी के कदम का कड़ा विरोध किया था। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे “संघवाद पर हमला” बताया है।
बिजली मंत्री के घर और कार्यालय की तलाशी लेने के ईडी के कदम का विरोध करते हुए तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से सीबीआई सहमति वापस ले ली है। सीबीआई को तमिलनाडु में किसी भी तरह की जांच शुरू करने या एक्शन लेने से पहले तमिलनाडु सरकार की अनुमति लेनी होगी। तमिलनाडु बुधवार को उन विपक्षी शासित राज्यों में शामिल हो गया, जिन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच के लिए एक सामान्य सहमति वापस ले ली है।
केंद्रीय एजेंसी को अब राज्य में और वहां के निवासियों के खिलाफ जांच करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। सीबीआई सहमति वापस लेने की कार्रवाई नौ राज्य – छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मेघालय, मिजोरम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल पहले ही कर चुके हैं। हालांकि, राज्य सरकार के इस कदम से ईडी या किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच प्रभावित नहीं होगी।
सीबीआई पर लगाम लगाने वाला आखिरी राज्य पंजाब था। नवंबर 2020 में, अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य में जांच करने के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली। यह झारखंड द्वारा इसी तरह के कदम उठाने के बाद आया था, जहां कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।