सपा के घोषणापत्र में मीडिया की आज़ादी, ओपीएस बहाली, आटा-डाटा मुफ्त समेत अनेक लुभावने वादे
बुधवार को राजधानी लखनऊ में सपा का चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए अखिलेश यादव ने सत्ता में आने पर मुफ्त राशन में गेंहू की जगह आटा और हर राशनकार्ड धारक परिवार को फ्री डाटा देने का वादा किया है। कांग्रेस की तर्ज पर सपा ने अपने घोषणा पत्र में 2025 तक जाति आधारित जनगणना कराने और इसके आधार पर 2029 तक सभी को न्याय व हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की बात कही है।
सपा ने अपने घोषणापत्र में लोगों को मुफ्त राशन में गेंहू की जगह आटा देने का वादा किया है। इसका कहना है कि इसके लिए मंडियों के पास ही प्लांट लगाए जाएंगे जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा सपा ने हर राशन कार्ड धारक परिवार को हर महीने 500 रुपये का मोबाइल डाटा मुफ्त दिए जाने का वादा किया है।
सपा ने सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन योजना को पैरा मिलिट्री सहित सभी के लिए फिर से बहाल करने का वादा किया है। घोषणापत्र में न्यूनतम मजदूरी 450 रुपये करने, असंगठित क्षेत्र के कुशल व अकुशल मजदूरों को हर महीने 500 रुपये श्रमिक सम्मान निधि देने की बात कही है।
इसके अलावा इसने कांग्रेस के गिग वर्कर को लुभाने के वादे की तर्ज पर सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 10 लाख रुपये का बीमा व 5000 रुपये प्रतिमाह की पेंशन देने की बात कही है। पार्टी ने केंद्र व राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण को बंद करने के साथ छंटनी को रोकने का वादा किया है।
सपा ने महिलाओं को केजी से लेकर पीजी तक फ्री शिक्षा के साथ सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण की बात कही है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रही महिलाओं को 3000 रुपये की पेंशन के साथ महिला उत्पीड़न रोकने के लिए देशव्यापी हेल्पलाइन खोलने का वादा किया गया है।
किसानों के लिए वादों की भरमार करते हुए सभी कृषि ऋण माफ करने, सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने, छोटे व सीमांत किसानों को पेंशन देने और एमएसपी की गारंटी देने की बात कही गयी है।
सपा ने अपने घोषणापत्र में सबसे प्रमुख स्थान संवैधानिक अधिकारों की बहाली को दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि संविधान बचाने व लोकतंत्र की रक्षा के अधिकार के साथ मीडिया को आज़ादी का अधिकार भी इसमें शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि मीडिया की आज़ादी खत्म की गयी है जिसकी बहाली ज़रूरी है। घोषणा पत्र में लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता व स्वायत्तता के अधिकार के साथ ही न्याय व समानता का अधिकार देने की बात कही गयी है।
सपा ने अपने घोषणापत्र को ‘जनता का मांग पत्र’ का नाम देते हुए सत्ता में आने के एक साल के भीतर अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्गों के सभी खाली पड़े सरकारी पद भरने के साथ ही निजी क्षेत्र में सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने का वादा किया है। दूध सहित सभी फ़सलों पर स्वामीनाथन फ़ॉर्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी और इसकी क़ानूनी गारंटी देने की बात घोषणापत्र में कही गयी है।
भूमिहीन, किरायेदार, छोटे व सीमांत किसानों को हर महीने 5000 रुपये पेंशन का वादा सपा ने किया है। कांग्रेस से एक कदम आगे बढ़ते हुए सपा ने अपने घोषणापत्र में न्यूनतम मजदूरी की दर 450 रुपये प्रतिदिन करने की बात कही है।
सपा ने अपने घोषणापत्र में वर्ष 2025 तक जाति जनगणना कराने और इसके आधार पर 2029 तक सभी की हिस्सेदारी व न्याय सुनिश्चित करने का वादा किया है। पार्टी ने 2029 तक भूख और गरीबी से मुक्ति की भी बात अपने घोषणापत्र में की है। रिक्त पड़ी सभी सरकारी नौकरियों को भरने के साथ ही सपा ने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का वादा किया है। सपा ने भी कांग्रेस की तरह सत्ता में आने पर अग्निवीर योजना को बंद करने व पहले की तरह नियमित भर्ती शुरू करने की बात कही है।
सरकार बनते ही संसद के पहले ही सत्र में मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम 2024 लाने का वादा सपा ने किया है। राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाने, मिशन रोजगार स्थापित करने के साथ ही पूरे देश में युवाओं के लिए लैपटॉप वितरण योजना लागू करने की बात सपा के घोषणा पत्र में कही गयी है।