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पहले ईमान बेचा और अब………..: राहुल गांधी

पहले ईमान बेचा और अब……: राहुल गांधी

मोदी सरकार एक बार फिर सवालों के घेरे में है, और इस बार एक के बाद एक चीज़ें बेचने को लेकर है, पूंजीपतियों के आगे नतमस्तक होने को लेकर है, निजीकरण के नाम पर पूंजीपतियों की झोली और अधिक भरने को लेकर है।

ऐसा नहीं है कि निजीकरण पहले कभी हुआ नहीं लेकिन जो तरीक़ा मोदी सरकार ने अपनाया है उससे साफ़ ज़ाहिर है कि मोदी सरकार अपने अरबपति मित्रों की जेब भरने के अलावा कुछ और सोच ही नहीं रहे।

देश में महंगाई और बे रोज़गारी की दर कहां पहुंच गई इस पर मोदी सरकार का कोई नेता या प्रवक्ता बात करने तक की तैयार नहीं, ग़रीबी और भुखमरी के आंकड़े कितने बढ़ चुके इस पर चर्चा करने को कोई भी BJP का नेता जनता के बीच बात करने को तैयार नहीं होता और दूसरी तरफ़ एयरपोर्ट, रेल्वे स्टेशन, BSNL, HAL, लाल क़िला जैसी देश की धरोहर समेत न जाने क्या क्या अब तक आपने मित्रों के हाथ बेच चुके हैं।

और अब ख़बर है कि पावर सेक्टर को भी सरकार निजी कंपनियों को बेच रही है, ऐसे में कहा जा सकता है कि पिछले 70 सालों में सरकारों ने जो कुछ देश की पूंजी बना कर तैयार किया था उसे पिछले 7 सालों में मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों की झोली में डाल दिया है।

आज सोशल मीडिया पर भी हैशटैग #IndiaOnSale पर हज़ारों लोगों ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ ट्वीट कर इस रवैये पर नाराज़गी जताई, और देश के मज़दूर, ग़रीब, किसान और मिडिल क्लास परिवारों पर भी ध्यान देने को कहा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिन्होंने पिछले 19 दिन बाद आज ट्विटर पर वापसी की उन्होंने भी ट्वीट करते हुए कहा कि सबसे पहले ईमान बेचा और अब……।

राहुल गांधी ने इतना ही लिख कर छोड़ दिया जिसका अर्थ सीधा सीधा यह होता है कि मैं किन किन चीज़ों को आपके सामने रखूं बस आप इतना समझ लीजिए 70 सालों मे देश ने जो कमाया उसे 7 सालों में मोदी जी ने बर्बाद कर दिया।

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