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महिला को परेशान करने के लिए लगाया जय श्री राम का नारा, जवाब में महिला ने लगाया अल्लाहु अकबर का नारा

महिला को परेशान करने के लिए लगाया जय श्री राम का नारा, जवाब में महिला ने लगाया अल्लाहु अकबर का नारा

शिमोगा: अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर का उद्घाटन करने में व्यस्त थे, वहीं दूसरी ओर संघ परिवार और बीजेपी कार्यकर्ता देश के अलग-अलग हिस्सों में जय श्री राम के नारे लगाते हुए रैलियां निकाल रहे थे। ऐसा ही एक आयोजन शिमोगा में भी चल रहा था और बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की खुशी में जश्न मनाया जा रहा था और मिठाइयां बांटी जा रही थी।

उसी समय एक महिला को ट्रैफिक में फंसा देख सड़क पर जाम लग गया और सैकड़ों लोग जय श्री के नारे लगाने लगे। राम का जाप शुरू करने के बाद अचानक ट्रैफिक में एक बुर्का पहनी महिला अपने बच्चे के साथ अल्लाहु अकबर के नारे लगाने लगी।

घटना के तुरंत बाद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. बताया जा रहा है कि घटना शिमोगा के शिवप्पा नाइक सर्कल के पास की है, जहां बीजेपी के लोगों ने पंडाल लगाकर मिठाइयां बांटते हुए पूरी सड़क को ब्लॉक कर दिया था।

इसी दौरान बुर्का पहने एक महिला अपने तीन साल के बच्चे के साथ स्कूटर से गुजर रही थी, जिसे रास्ता देने की बजाय रोका गया। जब महिला ने जाने की जिद की तो नशे में धुत कुछ लोगों ने जयश्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए। यह देख महिला ने भी तेज आवाज में अल्लाहु अकबर का नारा लगाना शुरू कर दिया, जिससे कुछ देर के लिए वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया।

बताया जा रहा है कि स्थिति गंभीर होने से पहले ही स्थानीय पुलिस ने समझदारी दिखाई और महिला और बच्चे को पुलिस जीप से सुरक्षित स्थान पर ले गई। इस बीच कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री एस ईश्वरप्पा के बेटे केई कांतेश ने पुलिस से महिला को गिरफ्तार करने की मांग की। बाद में जिले के एसपी जीके मिथुन कुमार ने बताया कि महिला मानसिक रूप से बीमार है और 2018 से उसका इलाज चल रहा है।

याद दिला दें कि फरवरी 2022 में ऐसी ही एक घटना कर्नाटक के मांड्या में हुई थी, जब भगवा पहने छात्रों द्वारा ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने पर मुस्कान खान नाम की एक छात्रा ने ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाते हुए अपने कॉलेज में साम्प्रदायिकता फैलाने वालों को करारा जवाब दिया था। उस घटना की चर्चा पूरी दुनियां में हुई थी। सभी धर्म के लोगों ने मुस्कान की हिम्मत की प्रशंसा की थी, जबकि जय श्रीराम के नारे को बदनाम करने पर उपद्रवियो की निंदा की थी।

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