“एसआईटी जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता: माइनॉरिटी डिफेंस कमेटी
मालेगांव नगर निगम में जाली जन्म प्रमाण पत्रों की जांच से संबंधित जांच के लिए गठित एसआईटी की कार्रवाई से शहर के निवासियों में बेचैनी है। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता इस पर नाराजगी जता रहे हैं। शहर में अब तक जाली प्रमाण पत्र बनाने या इसमें मदद करने के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, एक वकील के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, लेकिन उन्होंने गिरफ्तारी से पहले जमानत की अर्जी दाखिल कर रखी है, जिस पर सुनवाई हो चुकी है, लेकिन फैसला सुरक्षित रखा गया है।
लगातार हुई कार्रवाई के दौरान 2 सरकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है। इस मामले को सांप्रदायिक राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। इन हालात का सामना करने के लिए मालेगांव की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक संगठन बनाया है, माइनॉरिटी डिफेंस कमेटी, जिसके अध्यक्ष हैं पूर्व विधायक आसिफ शेख। शनिवार को माइनॉरिटी डिफेंस कमेटी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने इसी संदर्भ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और स्पष्ट किया कि उन्हें एसआईटी जांच पर भरोसा नहीं है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संगठन के संयोजक आसिफ शेख ने कहा कि “मालेगांव के ऐसे गरीब नागरिक जिन्होंने अपने जन्म प्रमाण पत्र पर नामों के गलत दर्ज होने की सुधार के लिए हलफनामा और आवेदन दिया था, उन पर एसआईटी की कार्रवाई हो रही है। कम पढ़े-लिखे नागरिकों के साथ अनुचित तरीके से सरकारी प्रशासन पेश आ रहा है।” उन्होंने कहा कि “हमें एसआईटी पर भरोसा नहीं है क्योंकि वह ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से जांच नहीं कर रही है। कार्रवाई एकतरफा हो रही है, जिससे आम तौर पर भी बेचैनी फैली हुई है।”
आसिफ शेख ने बताया कि “जिन्होंने दस्तावेज बनाकर देने के लिए आवेदनों को मंजूर किया, ऐसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई करना जरूरी है।” उन्होंने कहा कि “बीजेपी और उसकी सहयोगी संगठनों की ओर से एसआईटी के बजाय एटीएस के जरिए जांच कराने की मांग हो रही है। इससे स्पष्ट होता है कि बीजेपी के लक्ष्य में मालेगांव सबसे ऊपर है। इसलिए मालेगांव के नागरिकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।”
माइनॉरिटी डिफेंस कमेटी के महासचिव मोहम्मद मुस्तकीम ने कहा कि “पुराने हो चुके जन्म प्रमाण पत्र की नई कॉपी (प्रतिलिपि/जेरॉक्स) निकालने वालों पर भी कार्रवाई हो रही है। यह बिल्कुल गलत है। ऐसे नागरिक जिनके पास सबूत के तौर पर असली जन्म प्रमाण पत्र है, लेकिन वह कागज पुराना होने के कारण कई जगहों से कट-फट गया है, उसकी नई कॉपी निकालकर सुरक्षित रखने या जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करने की नौबत आती है, उन पर भी कानूनी शिकंजा कसना सही नहीं है।”
उन्होंने कहा कि “इस मामले में हाईकोर्ट के कानून विशेषज्ञों से संपर्क करके बातचीत की गई है। हमने तय किया है कि बीजेपी नेता कृति सोमैया को कानूनी तरीके से जवाब देने की कोई रूपरेखा तैयार की जाए।” इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एहसान शेख, शकील बेग, असलम अंसारी, इजाज उमर, रिजवान खान, अब्दुल बाकी सागर, साबिर गोहर, शान-ए-हिंद, मोहम्मद अमीन, नवीद खतीब आदि शामिल थे।