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‘घुसपैठियों को संपत्ति बांटने’ वाले बयान पर सिब्बल ने प्रधानमंत्री की आलोचना की

  ‘घुसपैठियों को संपत्ति बांटने’ वाले बयान पर सिब्बल ने प्रधानमंत्री की आलोचना की 

पीएम मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रविवार (21 अप्रैल) को कहा कि कांग्रेस माताओं-बहनों के सोने का हिसाब लेकर उस संपत्ति को बांटने का काम करेगी। ये उन लोगों को दिया जाएगा, जिनके बारे में मनमोहन सिंह ने कहा था कि संपत्ति पर पहला हक मुस्लिमों का है।

उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब है कि संपत्तियों को उन लोगों को बांटा जाएगा, जिनके ज्यादा बच्चे होंगे।आपकी मेहनत की कमाई को घुसपैठियों को बांटा जाएगा। हालांकि लल्लनटॉप ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि, मनमोहन सिंह ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था।

अब राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ‘घुसपैठियों को संपत्ति बांटने’ वाले बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। कांग्रेस के पूर्व नेता सिब्बल ने कहा कि एक तरफ आप राम मंदिर का उद्घाटन करते हैं, तो दूसरी तरफ नफरत फैलाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि पीएम मोदी की सबका साथ-सबका विकास करने की बात कहां गई? सिब्बल ने कहा कि पीएम के परिवार ने भी उनको ऐसी संस्कृति नहीं दी होगी।

पीएम के संपत्ति बांटने वाले बयान पर कपिल सिब्बल ने कहा, “कल की बात, जब प्रधानमंत्री ने ऐसा भाषण दिया, जिसे सुनकर ऐसा लगता है कि पहले चरण में हुए मतदान के नतीजे उनके पक्ष में नहीं आ रहे हैं। उस भाषण के बाद मैं समझता हूं कि इस देश के करोड़ों लोग निराश होंगे।

वे इसलिए निराश होंगे, क्योंकि 1950 के बाद शायद ही किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा बयान दिया होगा,जो दर्शाता है कि यहां रहने वाले अल्पसंख्यक घुसपैठिए हैं। कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री के परिवार ने भी उनको ऐसी संस्कृति नहीं दी होगी। नफरत के घोड़े का दूल्हा बनकर आप कभी हिंदुस्तान को बरकरार नहीं रख सकते हैं।

उन्होंने सवाल किया कि यह किस किस्म की राजनीति और संस्कृति है? एक तरफ आप राम मंदिर का उद्घाटन करते हैं और दूसरी तरफ नफरत फैलाते हैं? आपका सबका साथ-सबका विकास कहां गया? राज्यसभा सांसद ने कहा कि मुझे इस बात पर बहुत निराशा है, क्योंकि हम पीएम पद की बहुत इज्जत करते हैं। मगर पीएम जब इज्जत के लायक न रहें तो बुद्धिजीवी लोगों को आवाज उठानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भी चुप हैं, लेकिन मैं यह भी समझता हूं कि यह बातें संघ ने पीएम मोदी को सिखाई नहीं होगी।पीएम के परिवार ने भी उनको ऐसी संस्कृति नहीं दी होगी?

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