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नासिक में शिवसेना (उद्धव) और एमएनएस का संयुक्त मोर्चा

नासिक में शिवसेना (उद्धव) और एमएनएस का संयुक्त मोर्चा

उद्धव ठाकरे और उनके भाई राज ठाकरे ने अपनी ताक़त का प्रदर्शन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को नासिक में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से मोर्चा निकालकर यह संकेत दे दिया कि दोनों भाई नगर निगम चुनाव मिलकर लड़ेंगे। इस मोर्चे का नेतृत्व शिवसेना (उद्धव) की ओर से संजय राउत और एमएनएस की ओर से बाला नांदगांवकर ने किया। इस दौरान राज्य के कई मुद्दों को सामने रखा गया।

उल्लेखनीय है कि, उद्धव और राज ठाकरे की कई मुलाक़ातों के बाद यह संदेश दिया गया था कि, दोनों पार्टियां आने वाले निकाय चुनाव साथ मिलकर लड़ सकती हैं। शुक्रवार का मोर्चा एक तरह से चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत माना जा रहा है। नासिक एमएनएस का गढ़ माना जाता है और यहां पार्टी का महापौर भी रह चुका है। ऐसे में ठाकरे परिवार को नासिक से बड़ी उम्मीदें हैं।

शुक्रवार को संजय राउत और बाला नांदगांवकर मुंबई से नासिक पहुंचे और दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने मिलकर भालिकर हाई स्कूल मैदान से मोर्चा निकाला, जो कई इलाक़ों से होते हुए हुतात्मा चौक पहुंचा और सभा में तब्दील हो गया।

संजय राउत ने कार्यकर्ताओं से कहा
“दोनों भाई अब साथ आ चुके हैं। उनके कार्यकर्ता भी एक हो गए हैं। अब महाराष्ट्र ठाकरे परिवार की ही राह चलेगा। नासिक ने आज यह संदेश दे दिया है।” उन्होंने कहा— “शिवसेना (उद्धव) और एमएनएस की जड़ें एक ही हैं और इनके संरक्षक भी एक ही हैं, बाला साहेब ठाकरे। इसलिए जो भी इनका सामना करना चाहता है, वह पहले अच्छी तरह सोच ले।”

इस मौके पर संजय राउत और बाला नांदगांवकर ने खासतौर से किसानों की समस्याओं और राज्य में क़ानून-व्यवस्था की बदहाली पर जोर दिया। राउत ने कहा कि प्याज़ उगाने वाले किसान फसल का उचित दाम न मिलने से परेशान हैं, लेकिन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है। नासिक में पिछले महीने हुए राहुल धोतरे हत्याकांड का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा—

“आप (भाजपा) के एक पूर्व पार्षद ने शहर के एक नागरिक की हत्या की है। वह फरार है। अगर गृहमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) उस पार्षद को ढूंढ नहीं पा रहे, उसे गिरफ़्तार नहीं कर पा रहे, तो उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।”

बाला नांदगांवकर ने भी नासिक की क़ानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा:
“नासिक में पिछले छह महीनों में 40 हत्याएं हो चुकी हैं। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि हालात कितने बिगड़े हुए हैं। ज़मीन पर क़ब्ज़े के लिए हत्याएं की जा रही हैं। लेकिन अब दोनों भाई एक हो चुके हैं, दोनों पार्टियां एकजुट हो चुकी हैं और हम इस अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ेंगे।”

उन्होंने आगे कहा:
“यह मोर्चा तो शुरुआत है, अब इस अभियान को पूरे राज्य में ले जाया जाएगा। भाजपा ने सत्ता पाने के लिए अलग-अलग दलों के लोगों को अपने साथ जोड़ा, लेकिन हम मराठी अस्मिता के लिए एकजुट हुए हैं। अब हम भाजपा को चुनौती देते हैं कि हमारे सामने आकर दिखाए।”

 

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