शिमला: अपनी पार्टी के रवैये पर भड़के राशिद अल्वी, कहा: फिर कांग्रेस और बीजेपी में क्या अंतर रह गया
हिमाचल प्रदेश: शिमला के संजौली क्षेत्र में वक्फ की ज़मीन पर मस्जिद के निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस सरकार के राज्य मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में मस्जिद के निर्माण को गैर-कानूनी करार देते हुए उसे ध्वस्त करने की मांग उठाई। अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में आरोप लगाया कि मस्जिद का निर्माण बिना किसी मंजूरी के शुरू किया गया और यह पूरी तरह से अवैध है। उनका कहना था कि पहले इस मस्जिद की एक मंज़िल बनाई गई, लेकिन बाद में इसे और ऊंचा कर दिया गया, जो नियमों का उल्लंघन है।
इस विवाद के बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने अपनी ही पार्टी की सरकार पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के शासन में होते हुए भी मस्जिद को गिराया जाता है, तो फिर कांग्रेस और बीजेपी में क्या फर्क रह जाएगा। राशिद अल्वी का यह बयान साफ तौर पर पार्टी के भीतर एक गहरी असहमति को उजागर करता है। उन्होंने बिना नाम लिए पार्टी के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह के कदम पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि को धूमिल कर सकते हैं और इससे यह सवाल खड़ा होता है कि अगर बीजेपी की तरह ही कांग्रेस भी धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई करेगी, तो दोनों में क्या अंतर रहेगा।
इस पूरे मामले में राज्य वक्फ बोर्ड ने भी शुक्रवार को कदम उठाते हुए संजौली की विवादित मस्जिद का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। यह कदम उस वक्त आया जब मस्जिद के निर्माण को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध तेज हो रहा था।
राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस मामले में बयान देते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है। उन्होंने सभी पक्षों से भावनाओं में बहकर कोई कदम न उठाने की अपील की और आश्वासन दिया कि सरकार कानून के अनुसार ही काम करेगी। सुक्खू ने कहा कि जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह पूरी तरह से कानून के दायरे में रहकर किया जाएगा और इसमें किसी भी तरह की धार्मिक या साम्प्रदायिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश नहीं होगी।
हालांकि, इस मामले को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि एक ओर मस्जिद के समर्थक इसका बचाव कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ समुदाय मस्जिद के निर्माण को लेकर आपत्ति जता रहे हैं। इस बीच, जिस प्रदर्शन में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाए गए, उस पर भी मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि वह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और सरकार पूरी स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। उन्होंने प्रशासन को स्थिति को नियंत्रण में रखने और शांति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
यह विवाद न केवल राज्य के भीतर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी राजनीतिक और साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ा सकता है, खासकर तब जब कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी के अंदर से ही इस तरह के विरोधाभासी बयान आ रहे हैं।