ग्रेटर नोएडा में शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा ने आत्महत्या की, 2 प्रोफ़ेसर गिरफ़्तार
ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन कॉलेज जैसा ही एक और दुखद मामला सामने आया है। यहाँ BDS (दूसरे वर्ष) की एक छात्रा ने कथित मानसिक प्रताड़ना के चलते आत्महत्या कर ली। यह घटना एक बार फिर शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक दबाव और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली छात्रा ने शुक्रवार को हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। आत्महत्या से पहले उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें दो शिक्षकों पर मानसिक उत्पीड़न, अपमान और लगातार दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया है और तीन अन्य की भी जांच चल रही है।
गिरफ्तार किए गए शिक्षकों में प्रोफेसर महेन्द्र और डॉक्टर श्रेया (सुसाइड नोट में ‘शेर्ग मैम’ के नाम से उल्लिखित) शामिल हैं। छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा कि, अगर उसकी मौत होती है तो इसके लिए पीसीपी और डेंटल मैटेरियल के प्रोफेसर जिम्मेदार होंगे। उन्होंने उसे बार-बार मानसिक रूप से परेशान किया, उसका मजाक उड़ाया और उसे यह एहसास कराया कि वह असफल है।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, फॉरेंसिक टीम ने कमरे की जांच की और साक्ष्य इकट्ठे किए। पुलिस ने परिजनों की शिकायत और सुसाइड नोट के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
परिजनों का कहना है कि छात्रा लंबे समय से मानसिक तनाव में थी और उन्होंने कई बार यूनिवर्सिटी प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। छात्रा की मां ने बताया कि शुक्रवार सुबह 8 बजे बेटी से आखिरी बार बात हुई थी, लेकिन शाम को फोन करने पर कोई जवाब नहीं मिला। अगली सुबह सूचना मिली कि बेटी ने आत्महत्या कर ली।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“पहले ओडिशा में एक छात्रा को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया और अब नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में वैसी ही घटना दोहराई गई है। क्या हमारे शैक्षणिक संस्थान बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं? जहाँ जीवन ही असुरक्षित हो, वहाँ बच्चे सपने कैसे देखेंगे? लड़कियाँ वैसे ही हर मोर्चे पर दोहरी मेहनत करती हैं। ऐसे हादसे उनके हौसले तोड़ देते हैं। केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि कैंपस में ऐसा दोबारा न हो।”

