शरद पवार ने किया मोदी का गुणगान, पूर्व प्रधानमंत्रियों से अलग है शैली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख एवं यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान किया है।
शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा के उनका मजबूत पक्ष यह है कि प्रशासन पर उनकी अच्छी पकड़ है। शरद पवार ने प्रधानमंत्री के कामकाज करने के तरीकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह जब कोई कार्य शुरू करते हैं तो उसे पूरा करना सुनिश्चित कर लेते हैं। वह काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त समय देते हैं और उसके लिए प्रयास भी रहते हैं।
81 वर्षीय एनसीपी चीफ शरद पवार ने मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका स्वभाव ऐसा है कि जब भी किसी काम की जिम्मेदारी संभालते हैं तो यह सुनिश्चित करते हैं कि जब तक कार्य अपने अंजाम तक नहीं पहुंच जाता तब तक उसे रुकना नहीं चाहिए। वह इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रशासन और उनके सहयोगी किस तरह एक साथ आ सकते हैं। अपने सहयोगियों को साथ ले जाने का उनका एक अलग ही तरीका है। जो शैली प्रधानमंत्री मोदी की है वह मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों में नहीं थी।
शरद पवार ने कहा कि मनमोहन सिंह और मेरी राय यह थी के गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में, मेरे अलावा कोई और ऐसा नेता नहीं था जो मोदी से बातचीत कर सके क्योंकि वह तत्कालीन केंद्र सरकार पर लगातार हमला करते रहते थे।
शरद पवार ने कहा कि जब कभी पूर्व प्रधानमंत्री सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाते थे तो नरेंद्र मोदी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का नेतृत्व करते थे। वह केंद्र पर लगातार सवाल उठाते थे। ऐसे में रणनीति बनाई जाती थी कि मोदी को कैसे जवाब दिया जाना है।
शरद पवार के अनुसार मैं यूपीए की आंतरिक बैठकों में उपस्थित सभी लोगों से कहता था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और उन्हें लोगों ने जनादेश दिया है। अगर वह लोगों के मुद्दे यहां ला रहे हैं तो उनका समाधान करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।
शरद पवार के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनकी राय का समर्थन किया था।
पवार ने कहा कि मैं अकेला केंद्रीय मंत्री था जो राज्य के मुद्दों को देखने के लिए गुजरात जाता रहता था। मनमोहन सिंह और मेरी राय थी कि हमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं रखनी चाहिए और हमने ऐसा कभी किया भी नहीं । एनसीपी के नेता ने कहा हालांकि यूपीए गठबंधन के कुछ सदस्यों ने गुजरात सरकार में मौजूद कुछ लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था।
महाराष्ट्र के कुछ मंत्रियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा की गई कार्यवाही के बारे में सवाल पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर ना तो कभी प्रधानमंत्री से बातचीत की है और ना ही भविष्य में कोई बात करेंगे।