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भारत और मालदीव के बीच कई प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर

भारत और मालदीव के बीच कई प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर

भारत और मालदीव ने मत्स्य पालन और जल कृषि, मौसम विज्ञान, पर्यटन और पर्यावरण के क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें भारत द्वारा मालदीव को लगभग 5,000 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान करने का समझौता भी शामिल है। दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू करने पर भी सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो मालदीव के दौरे पर हैं, ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के साथ द्विपक्षीय बातचीत की, जिसके बाद दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने तीन समझौतों और चार सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए।

मुक्त व्यापार समझौते के बारे में बात करते हुए, मुइज़्ज़ू ने कहा कि, यह दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ विभिन्न विषयों पर व्यापक बातचीत की।

दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षरित समझौतों और सहमति पत्रों में 4,850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) का समझौता शामिल है। मालदीव के वार्षिक ऋण भुगतान दायित्वों को कम करने के लिए संशोधन समझौता, भारत और मालदीव के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत का समझौता, मत्स्य पालन और जल कृषि क्षेत्र में सहयोग पर सहमति पत्र, भारतीय ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी संस्थान और मौसम विभाग के बीच एमओयू। पर्यावरण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति पत्र, मालदीव द्वारा भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता देने पर सहमति पत्र और भारत की अंतर्राष्ट्रीय भुगतान लिमिटेड और मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के बीच नेटवर्क-टू-नेटवर्क समझौता शामिल हैं।

पीएम मोदी ने मालदीव के रक्षा मंत्रालय की इमारत का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने शुक्रवार को माले में भारत की सहायता से निर्मित मालदीव की अत्याधुनिक रक्षा मंत्रालय की इमारत का उद्घाटन किया। पीएम मोदी मालदीव के दो दिवसीय दौरे पर हैं। यह ग्यारह मंजिला इमारत हिंद महासागर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है और दोनों देशों के बीच मजबूत एवं दीर्घकालिक रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग की निशानी है। विदेश मंत्रालय के अनुसार यह रक्षा मंत्रालय की इमारत भारत की वित्तीय सहायता से बनाई गई है और यह मालदीव की रक्षा तथा कानून-व्यवस्था के अधिकारियों की क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक होगी।

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