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अडानी समूह को झटका, केन्या की अदालत ने एयरपोर्ट लीज सौदे पर रोक लगाई

अडानी समूह को झटका, केन्या की अदालत ने एयरपोर्ट लीज सौदे पर रोक लगाई

अडानी समूह को केन्या की हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। भारतीय कंपनी ने केन्या के सबसे बड़े एयरपोर्ट को लीज पर लेने के लिए केन्याई सरकार के साथ समझौता किया था, जिसे केन्याई कोर्ट में चुनौती दी गई। इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सौदे पर रोक लगा दी है।

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 1.85 अरब डॉलर की इस डील के तहत अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड को केन्या की राजधानी नैरोबी के जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 20 साल तक संचालित करने का अधिकार मिलने वाला था। यह केन्या का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है, लेकिन अदालत के अगले आदेश तक इस समझौते पर रोक लगा दी गई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, नैरोबी में जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अडानी एयरपोर्ट को लीज पर देने के केन्या सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती दी गई है।

केन्या ह्यूमन राइट्स कमीशन के साथ-साथ वकीलों के संगठन ने इस कदम को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि लाभकारी एयरपोर्ट को किसी निजी कंपनी को लीज पर देने का कोई औचित्य नहीं है। यह सुशासन, जवाबदेही, पारदर्शिता और सार्वजनिक धन के उचित और जिम्मेदार उपयोग के संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है। हालांकि, केन्या की सरकार ने समझौते का बचाव किया है।

समझौता क्या है?

अडानी एंटरप्राइजेज ने अबू धाबी में स्थित अपनी सहायक कंपनी ग्लोबल एयरपोर्ट्स ऑपरेटर के माध्यम से एयरपोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है। कंपनी ने केन्या सरकार को 2029 तक एक नए टर्मिनल और टैक्सीवे सिस्टम के लिए 750 मिलियन डॉलर का निवेश प्रस्तावित किया है। साथ ही, 2035 तक एयरपोर्ट में सुधार के लिए अतिरिक्त 92 मिलियन डॉलर निवेश करने की योजना बनाई है।

गौरतलब है कि केन्या एविएशन वर्कर्स यूनियन ने भी इस सौदे का विरोध किया है। यूनियन का कहना है कि इससे स्थानीय लोगों के बेरोजगार होने का खतरा है।

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