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अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की ज़मानत अर्ज़ी, दिल्ली हाईकोर्ट से ख़ारिज की

अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की ज़मानत अर्ज़ी, दिल्ली हाईकोर्ट से ख़ारिज की

आतंकवाद के आरोपी कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की ज़मानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। ज़मानत देने से इनकार करने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत के निर्णय को शब्बीर शाह ने चुनौती दी थी। शब्बीर शाह के खिलाफ अब तक 24 मामले दर्ज हैं। शब्बीर शाह को एनआईए ने 2017 में गिरफ्तार किया था।

एनआईए ने 2017 में 12 लोगों के खिलाफ पथराव, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचकर व्यवधान पैदा करने के लिए धन जुटाने और इकट्ठा करने की साजिश के आरोप में मामला दर्ज किया था। शब्बीर शाह पर पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों, जैसे हिजबुल मुजाहिदीन के सैय्यद सलाहुद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा के हाफिज सईद और इफ्तिखार हैदर राणा जैसे आतंकियों से संपर्क रखने का भी आरोप है।

यह मामला जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से जुड़ा है, जिसे लेकर एनआईए लगातार जांच कर रही है। शब्बीर शाह की गिरफ्तारी के बाद से यह मामला सुर्खियों में रहा था। हाईकोर्ट के इस फैसले से जांच एजेंसी को मजबूती मिली है और अब मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी। शब्बीर शाह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। एनआईए का दावा है कि शाह ने हवाला नेटवर्क के जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाया और जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने में भूमिका निभाई।

सुनवाई के दौरान शब्बीर शाह के वकील ने दलील दी कि उसकी उम्र 74 साल है और वह छह साल से जेल में हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक शाह के खिलाफ कोई अपराध साबित नहीं हुआ है। वकील ने यह भी बताया कि इस मामले में कुल 400 गवाहों की गवाही होनी है, जिनमें से अब तक केवल 15 की जांच पूरी हुई है। हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए ज़मानत देने से मना कर दिया।

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