सपा के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा
उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान 23 महीने के बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए हैं। मंगलवार, 23 सितंबर 2025 को सुबह 12.30 बजे उनकी रिहाई हुई, जो उत्तर प्रदेश की बदलती सियासत में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम मानी जा रही है। आज़म ख़ान की रिहाई से पहले हाईकोर्ट ने बीयर बार क़ब्ज़ा मामले में उन्हें जमानत दी थी, जो उनका अंतिम लंबित मामला था। हालांकि, ज़मानत मिलने के बाद पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएँ जोड़ी थीं, लेकिन रामपुर कोर्ट ने 20 सितंबर को इसे खारिज कर दिया, जिससे रिहाई का रास्ता साफ हो गया।
आज़म ख़ान पर कुल 104 मामले दर्ज हैं, जिनमें से अधिकांश 2017 के बाद दर्ज हुए। आरोपों में जमीन हड़पने, धोखाधड़ी, आपराधिक अतिक्रमण, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान और भड़काऊ भाषण शामिल हैं। अक्टूबर 2023 में उन्हें, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म ख़ान को अब्दुल्ला के जन्म प्रमाणपत्र में जालसाजी के आरोप में सात साल की सजा सुनाई गई थी। मई 2024 में जमानत मिलने के बावजूद अन्य लंबित मामलों के चलते वह जेल से बाहर नहीं आ सके।
आज़म ख़ान की रिहाई में उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला भी मौजूद थे। रिहाई के बाद वे 100 वाहनों के काफिले के साथ रामपुर के लिए रवाना हुए। रिहाई की प्रक्रिया सुबह 9 बजे शुरू होनी थी, लेकिन एक मामले में 6 हजार रुपये का जुर्माना जमा न होने के कारण देरी हुई। कोर्ट खुलने पर यह रकम जमा हुई और दो घंटे बाद रिहाई संभव हो पाई।
सबसे चर्चित मामला क्वालिटी बार जमीन कब्जा मामला था। आरोप था कि 2013 में मंत्री रहते हुए उन्होंने रामपुर के सिविल लाइंस इलाके में स्थित इस जमीन को अवैध तरीके से पत्नी और बेटे के नाम करवा लिया था। साल 2019 में मालिक गगन अरोड़ा की शिकायत के बाद मामला दर्ज हुआ और इसी केस के चलते उनकी रिहाई अटक गई थी। मई 2025 में रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी, लेकिन सितंबर 2025 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद उनका जेल से बाहर आना संभव हुआ।
यह आज़म ख़ान की दूसरी लंबी जेल यात्रा है। इससे पहले वह फरवरी 2020 से मई 2022 तक लगभग 27 महीने जेल में रहे थे। इस बार उनकी रिहाई न केवल सियासी दृष्टि से अहम है, बल्कि उत्तर प्रदेश में सपा की राजनीतिक गतिविधियों और नेतृत्व में उनके योगदान को भी मजबूत करती है।

