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संजय सिंह ने अमित मालवीय और मनोज तिवारी को लीगल नोटिस भेजा

संजय सिंह ने अमित मालवीय और मनोज तिवारी को लीगल नोटिस भेजा

दिल्ली में विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आ चुकी हैं। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को बीजेपी के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय और सांसद मनोज तिवारी को कानूनी नोटिस भेजा। अमित मालवीय और मनोज तिवारी ने संजय सिंह पर एक से अधिक वोटर आईडी कार्ड रखने का आरोप लगाया था।

इस मामले पर संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में किसी भी पूर्वांचली का वोट कटने नहीं देंगे। दिल्ली में 30-40 साल से बिहार, यूपी, पूर्वांचल के लोग रह रहे हैं, जिन्होंने अपने श्रम और परिश्रम से दिल्ली को बनाया। आप चाहते हैं कि आप उनका वोट कटवा लोगे, आम आदमी पार्टी यह काम नहीं होने देगी। जब हमने इसे एक्सपोज कर दिया तो आप आरोप लगा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी वाले वोट बढ़वा रहे हैं और वोट कटवा रहे हैं।

इससे पहले आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि मेरी पत्नी ने 4 जनवरी को अपना नाम वहां से हटाने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय, सुल्तानपुर में एक आवेदन दायर किया है। मेरी मां और मेरे पिता का नाम मतदाता सूची में है- उनके अलावा, न तो मेरी पत्नी और न ही मेरा नाम मतदाता सूची में है। जब मैंने सूचना दे दी कि आप हमारा नाम काट दीजिए, तो मैंने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी। अब किसी नगर पालिका की वोटर लिस्ट में मेरा नाम था, तो वह देखना उसकी निगरानी करना कर्मचारी की होती है, जो कि योगी जी की सरकार के कर्मचारी हैं।

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय सिंह पर तीखा तंज कसा। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी को कैसे जीत दिलाएंगे, यह समझ से परे है। उन्होंने आरोप लगाया कि संजय सिंह चुनाव अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से धमका रहे हैं। सचदेवा ने यह भी बताया कि संजय सिंह ने 30 तारीख को अपना वोट शिफ्ट करने का आवेदन दिया, लेकिन जब उन्हें मना किया गया, तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकार नहीं की। संजय सिंह को अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए।

सचेदवा ने आगे कहा कि मुझे समझ में नहीं आता है कि एक जमानती व्यक्ति जो व्यक्ति अपराध में जमानत पर छूटा है उसका कितना मान बचा है और उसकी कैसी हानि। उन्होंने कहा कि यह सब पीएमएलए एक्ट में आते है। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग संज्ञान ले।

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