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मानहानि केस में संजय राउत को 15 दिन की जेल के 2 घंटे बाद मिली बेल

मानहानि केस में संजय राउत को 15 दिन की जेल के 2 घंटे बाद मिली बेल

मानहानि केस में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के लिए परेशानी के कुछ ही घंटों बाद राहतभरी खबर आई। दरअसल, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सिवड़ी अदालत) कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें मानहानि केस में 15 दिन जेल की सजा सुनाई थी। वहीं, महज 2 घंटे में राउत को मानहानि मामले में जमानत मिल गई। इसके साथ ही राउत की सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया, जिससे उन्हें अपील दायर करने का समय मिल गया।मझगांव मेट्रोपोलिटिन मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने राउत राहत दी है।

मुंबई की एक अदालत ने पूर्व भाजपा सांसद किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि के मामले में राउत को यह कारावास की सजा सुनाई। मझगांव की मजिस्ट्रेट अदालत ने राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दोषी पाया। मुंबई के रुइया कॉलेज में ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की प्रोफेसर मेधा सोमैया ने अपनी शिकायत में कहा था कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार और पूरी तरह से मानहानिकारक आरोप लगाए हैं। मेधा सोमैया के वकील विवेकानंद गुप्ता ने कहा कि अदालत ने राउत को 15 दिन की कैद के साथ ही 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

दरअसल मीरा भयंदर शहर में कुल 154 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया। 16 शौचालय बनाने का ठेका बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया के यूथ फाउंडेशन को दिया गया था। जाली दस्तावेज जमा करके उसने मीरा-भायंदर नगर निगम के अधिकारियों को धोखा दिया। संजय राउत ने उन पर साढ़े तीन करोड़ रुपये से ज्यादा के टॉयलेट बिल लेने का भी आरोप लगाया था।

संजय राउत को 15 दिन की जेल पर मेधा सोमैया की पहली प्रतिक्रिया
इस बीच फैसले के बाद याचिकाकर्ता मेधा सोमैया ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि उनका न्याय व्यवस्था पर भरोसा बढ़ा है। मेरे परिवार पर आरोप लगाते हुए बच्चों को निशाना बनाया गया। मैं वैसे ही लड़ी जैसे एक सामान्य शिक्षक लड़ता है। मेधा सोमैया ने कहा, मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हूं। संजय राउत पर आईपीसी की धारा 499 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

यह मामला ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की प्रोफेसर मेधा द्वारा दायर की गई शिकायत से जुड़ा है। इसमें उन्होंने कहा था कि राउत ने 15 अप्रैल और 16 अप्रैल, 2022 को उनके बारे में कुछ बयान दिए थे, जो अखबारों में छपे थे, जो मानहानिकारक और गलत थे। उन्होंने दस्तावेज और वीडियो क्लिप पेश किए थे, जिसमें दावा किया गया था कि ये बयान राउत ने मीडिया चैनलों को दिए थे। मेधा ने बिना शर्त माफ़ी और राउत के खिलाफ एक स्थायी निषेधाज्ञा भी मांगी थी, जिसमें उन्हें भविष्य में उनके लिए अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने, प्रसारित करने और छापने से रोका जाने की बात कही गई थी।

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