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जॉर्ज सोरोस के पीएम नरेन्द्र मोदी पर बयान से भारत में बवाल

जॉर्ज सोरोस के पीएम नरेन्द्र मोदी पर बयान से भारत में बवाल

अमेरिकी अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट और गौतम अडानी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संबंधों पर अपनी टिप्पणियों के लिए चर्चा में हैं। जिसको लेकर भाजपा ने शुक्रवार को उनके बयान की कड़ी आलोचना की। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अरबपति निवेशक ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि ‘मोदी इस विषय पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों का जवाब देना होगा।’ साथ ही उन्होंने कहा कि यह भारत की संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ को काफी कमजोर कर देगा और बहुत जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए दरवाजा खोल देगा।

सोरोस ने कहा कि मैं अनुभवहीन हो सकता हूं, लेकिन मुझे भारत में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार की उम्मीद है।’ भारत में पिछले कई दिनों से गौतम अडाणी मामले को लेकर हलचल मची हुई है, लेकिन एक नए किरदार की एंट्री से यह मामला और गर्म हो गया है। दरअसल, अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस ने यह कहकर भारतीय राजनीति में उबाल ला दिया है कि अडाणी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल ने निवेश के अवसर के रूप में भारत में विश्वास को हिलाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने होंगे।

हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मामले में सीधे तो कुछ नहीं बोला, लेकिन एक कार्यक्रम में उन्होंने वैश्विक निवेशकों से भारत की विकास गाथा में भाग लेने का आह्वान किया और कहा कि देश इसके बदले रिटर्न की गारंटी देता है। वहीं दूसरी तरफ, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने देश के प्रधानमंत्री का पक्ष लेते हुए सोरोस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जवाब में कहा है कि अमेरिकी अरबपति ने न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला किया है बल्कि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को भी निशाना बनाया।

स्मृति ईरानी ने कहा कि सोरोस का यह ऐलान कि वो हिंदुस्तान में मोदी को झुका देंगे, हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार को ध्वस्त कर देंगे, उसका मुंहतोड़ जवाब हर हिंदुस्तानी को देना चाहिए। हालांकि कांग्रेस ने इस मामले में सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी से जुड़ा अडाणी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है।

इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं है। हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते। दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी मामले में यह कहते हुए केन्द्र सरकार को झटका दिया है कि हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया है, जो इस मामले की जांच करेगी। कोर्ट ने कहा कि हम सीलबंद लिफाफे में केंद्र के सुझावों को स्वीकार नहीं करेंगे, हम पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहते हैं।

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