पीएम मोदी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक नारे पर, रिजिजू ने सोनिया गांधी से माफी की मांग की
दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित ‘वोट चोरी’ विरोध प्रदर्शन राजनीतिक सुर्खियों में छा गया। यह रैली मुख्य रूप से केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर चुनावों में हेरफेर और ईवीएम हैकिंग के आरोप लगाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। रैली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश सहित हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए। कांग्रेस का दावा है कि यह प्रदर्शन लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए था, न कि किसी व्यक्तिगत हमले के लिए।
हालांकि, रैली के दौरान कुछ आपत्तिजनक नारों की गूँज ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया। वायरल वीडियो में कुछ व्यक्तियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी’ जैसे नारे लगाए गए। इसके साथ ही ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा भी सुना गया। इन नारों के कारण भाजपा और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी की मांग की। यही मामला राज्यसभा में भी उठा, जहां सदन में जमकर हंगामा हुआ।
संसद में भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस तरह के नारे प्रधानमंत्री के खिलाफ घृणा फैलाने के इरादे से लगाए गए। दूसरी ओर, कांग्रेस ने खुद को इन विवादास्पद नारों से अलग कर लिया। पार्टी के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने स्पष्ट किया कि ‘कब्र खुदेगी’ जैसे नारे पार्टी की ओर से नहीं लगाए गए हैं और संभावना है कि इन्हें रैली के मुख्य मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए कुछ अन्य लोग लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि केवल ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा राहुल गांधी द्वारा दिया गया था, जो रैली के मुख्य संदेश से जुड़ा था।
इस घटना ने राजनीतिक ध्रुवीकरण और मीडिया में बहस को बढ़ावा दिया है। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र और चुनावी पारदर्शिता की रक्षा से जोड़कर पेश किया, जबकि भाजपा ने इसे व्यक्तिगत हमले और राजनीतिक आक्रोश का उदाहरण बताया। इस तरह की घटनाएं अक्सर भारतीय राजनीति में दोनों पक्षों के बीच टकराव और आरोप-प्रत्यारोप को जन्म देती हैं।

