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कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है: वरुण गाँधी

कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है: वरुण गाँधी

भाजपा नेता और सांसद वरुण गांधी पिछले कुछ दिनों से किसानों के मुद्दे को उठा रहे हैं. उन्होंने किसानों द्वारा चल रहे तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन मुद्दा और लखीमपुर खीरी घटना के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग को उठाया था.

आज फिर भाजपा सांसद वरुण गाँधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी जरूरत है. साथ ही उन्होंने शनिवार को लखीमपुर खीरी के एक किसान का वीडियो भी शेयर किया जिसमें किसान ने 15 दिन तक भी धान की फसल नहीं खरीदे जाने पर उसमें आग लगा दी.

बता दें कि माजरा ये है कि उत्तर प्रदेश के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी।

वरुण गांधी ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा: “उत्तर प्रदेश के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी। इस व्यवस्था ने किसानों को कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।’

एएनआई के अनुसार वरुण गाँधी ने कहा कि सरकार को किसानों की मांगों को मान लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने कभी कोई भ्रष्टाचार नहीं किया, लेकिन कई ऐसे भी नेता हैं जो पुलिस, खनन आदि से पैसे लेते हैं. मैंने न तो सांसद की सैलरी ली और न ही सरकारी घर. जनता ने मुझे उनके उत्थान और उनकी समस्याओं को उठाने के लिए चुना है, ना की मेरी उत्थान के लिए.

बता दें कि लखीमपुर खीरी में किसानों की धान की फसल न खरीदे जाने का मामला लगातार उठ रहा है. हाल ही में भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता अनुराग बाजपेयी का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं कि वो पिछले 6 दिन से धान की ट्राली लेकर सरकारी खरीद केंद्र पर खड़े हैं, लेकिन उनका धान नहीं खरीदा जा रहा. अगर यही हाल रहा तो चुनाव में जनता सरकार को सबक सिखा देगी. अगर भाजपा नेता का ये हाल है तो आम आदमी का क्या होगा.

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