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गणतंत्र दिवस, पुलिस के साथ झड़प में एक किसान की मौत, लाल क़िले पर किसान झंडे को टिकैत ने बताया साज़िश

कोरोना महामारी और किसान आंदोलन के बीच आज देश अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर रैली शुरू करते हुए किसान लाल किले के अंदर घुस गए हैं। आईटीओ के पास किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई है। इसमें दावा है कि एक किसान की मौत हो गई है। हालांकि, अभी तक अधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इधर किसानों ने लाल किले पहुंचकर अपना झंडा भी लहराया है।

आईटीओ के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे है और लाठीचार्ज किया है। वहीं, किसानों ने पुलिस की गाड़ी में भी तोड़ फोड़ किया है। इससे पहले किसान संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर पहुच चुके। यहां पर किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा,

हमारे सब लोग शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे हैं। जो लोग गड़बड़ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं वो चिन्हित हैं। वो राजनीतिक दल के लोग हैं और इस आंदोलन को खराब करना चाहते हैं।”

दरअसल, आईटीओ पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया तो किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। वहीं ट्रैक्टर पलटने से ट्रैक्टर चालक यूपी के एक किसान नवनीत की मौके पर मौत हो गई। इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसानों को पुलिस ने नोएडा मोड़ पर रोक दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। पुलिस का दावा है कि किसानों ने पांडव नगर पुलिस पिकेट पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। पुलिस ने यह भी कहा कि निहंगों ने तलवार से पुलिसकर्मियों पर हमले की कोशिश की।

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