Site icon ISCPress

इस्लामी शिक्षाओं का उल्लेख करना मुस्लिम सब-इंस्पेक्टर के लिए मुश्किल बन गया

इस्लामी शिक्षाओं का उल्लेख करना मुस्लिम सब-इंस्पेक्टर के लिए मुश्किल बन गया

उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर में एक कार्यक्रम के दौरान धार्मिक शिक्षाओं का ज़िक्र करना एक मुस्लिम सब-इंस्पेक्टर के लिए मुश्किल बन गया। ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर आफ़ाक़ ख़ान को कॉलेज में छात्राओं से संबोधन के दौरान पैगंबर इस्लाम हज़रत मुहम्मद ﷺ की शिक्षाओं का उल्लेख करने पर उनकी ड्यूटी से हटाकर पुलिस हेडक्वार्टर में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया।

कानपुर के एक इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सब-इंस्पेक्टर आफ़ाक़ ख़ान ने बेटियों के प्रशिक्षण और अधिकारों के संदर्भ में इस्लाम की शिक्षाओं पर भाषण दिया, जिसमें उन्होंने पैगंबर मुहम्मद ﷺ का जीवन और शिक्षाओं का हवाला दिया। इस भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिंदुत्व संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई।

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि वर्दी में रहते हुए किसी विशेष धर्म का प्रचार या धार्मिक चर्चा करना संविधान की भावना के खिलाफ है। इन संगठनों के दबाव के बाद पुलिस विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आफ़ाक़ ख़ान को फील्ड ड्यूटी से हटा दिया।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार सब-इंस्पेक्टर को लाइन अटैच कर के हेडक्वार्टर बुलाया गया है, जबकि मामले की विभागीय जांच जारी है।

वहीं इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं, जहां कुछ लोग इसे संवैधानिक मूल्य का मामला मान रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक भेदभाव से जोड़कर देख रहे हैं। सब-इंस्पेक्टर आफ़ाक़ ख़ान सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं और उनके लाखों फॉलोअर हैं, जहां वे आमतौर पर ट्रैफिक जागरूकता से संबंधित वीडियो साझा करते हैं।

Exit mobile version