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लाल क़िला विस्फोट मामला: सरकारी डॉक्टर प्रियंका शर्मा की गिरफ़्तारी

लाल क़िला विस्फोट मामला: सरकारी डॉक्टर प्रियंका शर्मा की गिरफ़्तारी

दिल्ली में लाल क़िला के पास आई-20 कार में हुए ज़ोरदार विस्फोट के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियाँ पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। इसी विस्फोट से जुड़े शक-संदेहों के आधार पर बलों ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और श्वेतपोश आतंकवाद पर विशेष नज़र रखते हुए बड़े स्तर पर जाँच का दायरा सख़्त करना शुरू कर दिया है।

सूचना के अनुसार हरियाणा की डॉक्टर प्रियंका शर्मा, जो जम्मू-कश्मीर के एक सरकारी चिकित्सालय में सेवा कर रही थीं, उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह कार्रवाई हाल ही में प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अन्सार ग़ज़वतुल-हिन्द से जुड़े होने के आरोप में पकड़े गए तीन डॉक्टरों—अदील अहमद, मुम्ताज़ शकील और शाहीन सईद—से पूछताछ के बाद की गई। गिरफ़्तार अदील अहमद ने पूछताछ में डॉक्टर प्रियंका शर्मा से परिचय स्वीकार किया था।

पुलिस ने बताया कि डॉक्टर प्रियंका शर्मा को उनके निवास स्थान पर छापा डालकर पकड़ा गया और आगे की जाँच के लिए उनका मोबाइल फ़ोन तथा सिम कार्ड भी न्यायवैज्ञानिक परीक्षण हेतु भेज दिया गया है। सूत्रों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियाँ कश्मीर के लगभग 200 डॉक्टरों के साथ-साथ देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ रहे कश्मीरी विद्यार्थियों की गतिविधियों पर भी लगातार नज़र रखे हुए हैं।

दिल्ली विस्फोट मामले में पुलिस ने आई-20 कार चलाने वाले व्यक्ति की पहचान डॉक्टर उमर नबी के रूप में की थी। इस सुराग के आधार पर उसके संपर्क में रहे पाँच और डॉक्टरों को भी हिरासत में लिया गया। इन सभी के प्रतिबंधित संगठनों से संबंध सामने आने के बाद उनके साथ पढ़ने और साथ काम करने वाले अन्य डॉक्टरों पर भी निगरानी कड़ी कर दी गई है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जाँच में यह तथ्य भी सामने आया है कि इस साज़िश में फ़रीदाबाद की अल-फला विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की भूमिका हो सकती है, क्योंकि आरोपियों से जुड़ी एक और कार भी वहीं से मिली है। इसी वजह से विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई और कड़ी तलाशी अभियान चलाया गया। इसी महाविद्यालय में पढ़ने वाले दो और व्यक्तियों को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने शनिवार को हिरासत में लिया है।

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