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“अहंकार” के कारण रावण की लंका जलकर राख हो गई: एकनाथ शिंदे

“अहंकार” के कारण रावण की लंका जलकर राख हो गई: एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शनिवार को पालघर ज़िले के डहाणू क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे, जहाँ उन्होंने बिना किसी का नाम लिए यह कहा, “अहंकार के कारण रावण की लंका जलकर राख हो गई।” अब मीडिया में यह चर्चा छिड़ गई है कि उनके इस वाक्य का निशाना कौन था। आम तौर पर वे ऐसे वाक्य उद्धव ठाकरे के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अपनी इस भाषण में उन्होंने ज़्यादातर बातें वर्तमान सरकार से जुड़ी कहीं।

हाल ही में बीजेपी और शिंदे गुट के बीच हुए विवाद के चलते यह सवाल उठ रहा है कि क्या एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी की ओर इशारा कर रहे हैं? याद रहे कि एकनाथ शिंदे कई ज़िलों में विपक्षियों के साथ गठबंधन कर चुके हैं। इसी वजह से यह सवाल और ज़ोर पकड़ रहा है। डहाणू में भाषण देते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “आपके एकनाथ शिंदे ने 80 सीटों पर चुनाव लड़कर 60 सीटें जीती हैं। मैं आपसे सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि अगर आप इस क्षेत्र को सचमुच विकास देना चाहते हैं तो राज मच्छी (शिंदे गुट के नगर परिषद अध्यक्ष पद के उम्मीदवार) और उनकी टीम को वोट दें।”

उन्होंने कहा, “आने वाली 2 तारीख को आप अपने सारे काम एक तरफ रखकर पूरा दिन सिर्फ मतदान के लिए रखें। मैं अपने कार्यकर्ताओं से भी कहना चाहता हूं कि वे अपनी आंखों में तेल डालकर काम करें और नजरें सिर्फ विकास पर रखें। इसके लिए राज मच्छी और उनकी टीम को जीताने की पूरी कोशिश करें।”

एकनाथ शिंदे ने एक और बात कही जिससे लगा कि वे खुद को महायुती से अलग दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, “शहरी विकास विभाग आपके एकनाथ शिंदे के पास है। डहाणू में समुद्र किनारे रहने वाले मछुआरों के घरों को हम कानूनी मान्यता देंगे, जैसे हमने नवी मुंबई में किया था।” शिंदे ने इस मौके पर कई और वादे किए, जैसे डहाणू में नगर पंचायत की अपनी इमारत बनाना, मछुआरों को सुविधाएँ देना, प्रदूषण-मुक्त रोजगार उपलब्ध कराना। ये सारे वादे उन्होंने “आपके एकनाथ शिंदे” यानी अपने दम पर किए। कहीं भी महायुती सरकार का नाम नहीं लिया, न ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का उल्लेख किया।

महत्वपूर्ण बात यह है कि डहाणू नगर परिषद चुनाव में शिवसेना (शिंदे) और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है, क्योंकि शिवसेना (उद्धव) के संजय पाटिल और कांग्रेस के हफ़ीज़ खान अपना नाम वापस ले चुके हैं। ऐसी स्थिति में एकनाथ शिंदे का पूरा भाषण बीजेपी के खिलाफ माना जा रहा है। हालांकि उन्होंने अपने भाषण के दौरान किसी पार्टी या किसी नेता का नाम नहीं लिया।उन्होंने कहा, “हम सब डहाणू के लोग एकजुट हो चुके हैं। हम एकाधिकार के खिलाफ एकजुट हुए हैं। हम अहंकार के खिलाफ एकजुट हुए हैं। रावण में भी अहंकार था और उसी अहंकार के कारण उसकी लंका जलकर राख हो गई।” उन्होंने कहा, “आपको भी 2 तारीख को यही करना है। भ्रष्टाचार खत्म करना है, विकास का साथ देना है।

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