आंध्र प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में तेजी से वृद्धि
आंध्र प्रदेश राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग दिन-ब-दिन तेज़ी से बढ़ रहा है। दोपहिया, तिपहिया और कारों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बसों की बिक्री में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, जो हरित ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध हैं, की सोच के अनुसार सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
इसी के तहत अधिकारी यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि इलेक्ट्रिक वाहन आम जनता तक आसानी से और सस्ते दामों में पहुँच सकें। याद दिला दें कि ‘मेपमा’ संस्था के माध्यम से महिलाओं को सब्सिडी पर इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, बल्कि महिलाओं में आत्म-निर्भरता की भावना भी मज़बूत हो रही है।
ऑटो चालक भी पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों के चलते इलेक्ट्रिक ऑटो को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल और कम खर्चीला साधन साबित हो रहे हैं। सरकार राज्य भर में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना पर भी विशेष ध्यान दे रही है ताकि उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कैंप, वर्कशॉप और प्रचार अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि वे इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभों को समझ सकें। औद्योगिक क्षेत्र में भी कई कंपनियाँ अपनी डिलीवरी और लॉजिस्टिक वाहनों को इलेक्ट्रिक मॉडलों में परिवर्तित कर रही हैं।
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस में छूट, टैक्स रियायतें और सब्सिडी देकर जनता को इस दिशा में प्रोत्साहित करने की गंभीर कोशिश की है। विशेषज्ञों का कहना है कि ईवी वाहन न केवल पर्यावरण प्रदूषण को कम करते हैं, बल्कि लंबे समय में रखरखाव और ईंधन खर्च भी कम होने के कारण आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो रहे हैं। सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में आंध्र प्रदेश को देश के अग्रणी इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने वाले राज्यों में शामिल करना है, और इसी लक्ष्य के तहत योजनाबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है।

