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बिहार में बैंकों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए रैंकिंग इंडेक्स को मंज़ूरी: सम्राट चौधरी

बिहार में बैंकों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए रैंकिंग इंडेक्स को मंज़ूरी: सम्राट चौधरी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को कहा कि राज्य में बैंकों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिए एक रैंकिंग इंडेक्स तैयार करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि बैंकों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उनकी प्रदर्शन आधारित रैंकिंग और स्कोरिंग इंडेक्स को लागू करने का निर्णय लिया गया है।

चौधरी ने बताया कि यह इंडेक्स बैंकिंग प्रदर्शन, वार्षिक ऋण योजना के लक्ष्यों की प्राप्ति, क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात में वृद्धि, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन जैसे प्राथमिक क्षेत्रों में ऋण वितरण, स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्धता और सरकार की योजनाओं जैसे मुद्रा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएमईजीपी में भागीदारी जैसे मानकों पर आधारित होगा।

उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिक प्रगति में बैंकों की भूमिका बेहद अहम है। बैंकिंग केवल लोगों की बचत को सुरक्षित रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य की आर्थिक गति को मज़बूत करने में भी सहायक होती है। बैंक कृषि, उद्योग, व्यापार, सेवाओं, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में ऋण प्रदान कर रोजगार के अवसर पैदा करते हैं।

इस महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए, प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के ज़रिए वार्षिक ऋण योजना के तहत बैंकों के लिए ऋण वितरण के लक्ष्य तय किए जाते हैं। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2024-25 में अधिकांश बैंक इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में असफल रहे हैं। राज्य का क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात भी वर्तमान में राष्ट्रीय औसत से कम है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थिति में सुधार लाने और बैंकों की जवाबदेही तय करने के लिए प्रदर्शन आधारित रैंकिंग और स्कोरिंग इंडेक्स को लागू करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केवल वही बैंक जो इस इंडेक्स में कम से कम 40 अंक हासिल करेंगे, उन्हें राज्य सरकार की योजनाओं में भाग लेने की अनुमति होगी और केवल उन्हें ही सरकारी डिपॉज़िट्स तथा पब्लिक सेक्टर उपक्रमों, प्राधिकरणों व सोसाइटियों के साथ बैंकिंग लेनदेन करने की अनुमति दी जाएगी।

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