राज्यसभा चुनाव से साबित होगा कि, कौन BJP के साथ है और कौन ख़िलाफ़: उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस के चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद अब नेशनल कॉन्फ्रेंस चौथी राज्यसभा सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने साफ कहा कि यह चुनाव इस बात की कसौटी होगा कि कौन BJP के साथ है और कौन उसके विरोध में।
श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने गठबंधन के सम्मान में कांग्रेस को एक सीट दी थी, लेकिन अब जब उन्होंने चुनाव में हिस्सा न लेने का फैसला किया है, तो हम चौथी सीट पर भी अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यसभा चुनाव से यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सच में सेक्युलर विचारधारा के साथ खड़ा है और कौन BJP की सोच से मेल खाता है। उनके मुताबिक BJP के पास केवल 28 विधायक हैं, जबकि जीत के लिए 32 वोट चाहिए। कोई भी विधायक अगर मतदान में हिस्सा नहीं लेता है, तो वह सीधा BJP की मदद कर रहा है।
BJP द्वारा तीन सीटें जीतने के दावे पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि BJP सिर्फ ‘क्रॉस वोटिंग’ और ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ के जरिए ही जीत हासिल कर सकती है। उन्होंने कहा कि BJP के पास पर्याप्त वोट नहीं हैं — उनके पास सिर्फ 28 सदस्य हैं। अगर वे तीन सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वे पैसों और एजेंसियों की ताकत पर भरोसा कर रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर BJP दबाव, धमकी या खरीद-फरोख्त के जरिए चुनाव जीतना चाहती है, तो वह उन आरोपों को सही साबित कर रही है जो देश के अन्य राज्यों में उनके खिलाफ लगाए जा रहे हैं।
डॉ. फारूक अब्दुल्ला को राज्यसभा चुनाव के लिए नामित न करने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “किसकी हिम्मत है जो फारूक साहब को चुनाव लड़ने से रोक सके? डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने खुद फैसला किया है कि वे उम्मीदवार नहीं बनेंगे। वे नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक हैं और हमेशा हमारे लिए मार्गदर्शन का स्रोत रहेंगे।”
बडगाम से संभावित उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर अभी विचार-विमर्श जारी है और समय आने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर चुनाव राजनीतिक दलों के लिए एक परीक्षा होता है और नेशनल कॉन्फ्रेंस इस परीक्षा का सामना पूरी ताकत और एकजुटता के साथ करेगी।
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेते हैं, तो इसका सीधा फायदा सिर्फ BJP को मिलेगा। हमारी प्राथमिकता है कि चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और सिद्धांतों पर आधारित हो। लेकिन अगर BJP पैसे, दबाव या साजिशों से जीतना चाहती है, तो जनता सब कुछ देख रही है।

