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राजस्थान एग्जिट पोल से, भाजपा और कांग्रेस मे सरकार बनाने की उत्सुकता बढ़ी

राजस्थान एग्जिट पोल से, भाजपा और कांग्रेस मे सरकार बनाने की उत्सुकता बढ़ी

राजस्थान में 25 नवंबर को हुए मतदान पर एग्जिट पोल के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में सरकार बनाने की उत्सुकता बढ़ा दी है। चुनाव की मतगणना तीन दिसंबर को होगी।

राजस्थान की सत्ता की तस्वीर तीन दिसंबर को मतगणना के बाद साफ होगी, लेकिन इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला है। राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को आए अलग-अलग एजेंसियों के एग्जिट पोल में दावे भी बिल्कुल जुदा हैं।

किसी एग्जिट पोल में बीजेपी को बढ़त तो कुछ सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के हाथों में सत्ता बनी रहने की संभावना रही है।एक्सिस माय इंडिया और टुडेज चाणाक्य के आंकड़ों को देखें तो कांग्रेस तीस साल के बाद रिवाज बदलने में कामयाब रही जबकि बीजेपी हर पांच साल पर होने वाले सत्ता परिवर्तन सिससिले को बरकरार रखने में सफल नहीं दिख रही।

‘पोल ऑफ पोल्स’ में भाजपा को 112 सीट, कांग्रेस को 77 सीट और अन्य को छह सीट मिलने की बारे में बताया गया है। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा, ‘‘भाजपा को एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों से अधिक सीटें मिलेंगी क्योंकि कांग्रेस के खिलाफ ‘अंडरकरंट’ (अंदरूनी लहर) था। इस बार राजस्थान विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत अधिकतम रहा है ।

राजस्थान की कुल 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों पर मतदान हुआ, जिस लिहाज से बहुमत के लिए 100 सीटों की जरूरत है। एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस की वापसी और बीजेपी बहुमत से दूर नजर आ रही है।

बीजेपी को 80 से 100 सीटें जबकि कांग्रेस के खाते में 86 से 106 सीटें मिल सकती है।टुडेज चाणाक्य के अनुसार कांग्रेस को 102 और बीजेपी को 89 सीटें मिलने की उम्मीद है। दोनों ही दलों को 12 सीट प्लस-माइनेस के अनुमान है।

एग्जिट पोल के आंकड़े सच हुए तो कांग्रेस राजस्थान में फिर से सरकार बना सकती है। राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में यह 30 साल के बाद होगा, जब किसी सत्ताधारी पार्टी की सरकार रिपीट होगी।

1993 से बाद से लेकर 2018 तक छह चुनाव हुए हैं, जिनमें तीन बार बीजेपी तो तीन बार कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब रही।इस तरह तीन दशक से हर 5 साल के बाद सत्ता परिवर्तन का रिवाज चला आ रहा, लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार सीएम गहलोत यह परंपररा को बदलते हुए नजर आ रहे हैं।

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