विपक्षी दलों को साथ लाने के लिए राहुल को पवार से हाथ मिलाना चाहिए: शिवसेना
शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करने और सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए राकांपा प्रमुख पवार से हाथ मिलाना चाहिए।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा: “कांग्रेस नेता राहुल गांधी नियमित रूप से केंद्र और उसकी नीतियों पर हमला करते हैं, लेकिन वो भी सिर्फ़ ट्विटर पर।” साथी ही सामना में दावा किया गया है कि शिवसेना के महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करने से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की बॉडी लैंग्वेज बदल गई है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में ये भी कहा गया है कि पीएम मोदी जानते हैं कि देश की स्थिति उसके हाथ से निकल गई है। लोगों में उनके ख़िलाफ़ गुस्सा है लेकिन इस के बावजूद भाजपा और केंद्र सरकार को ये भी विश्वास है कि कमजोर और असंतुष्ट विपक्ष होने के कारण उन्हें कोई खतरा नहीं है।
बता दें कि पवार ने बीजेपी के खिलाफ तीसरा मोर्चा तैयार करने के लिए मंगलवार को दिल्ली में अपने आवास पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल और वामपंथी दलों सहित आठ विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक की मेजबानी की थी।
हालांकि, उस चर्चा में भाग लेने वाले नेताओं ने कहा कि यह राष्ट्रीय मंच द्वारा समान विचारधारा वाले व्यक्तियों की “गैर-राजनीतिक” बैठक थी, जिसे पूर्व वित्त मंत्री और टीएमसी उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने अन्य लोगों के साथ बनाया था।
इस बैठक के बाद शिवसेना का कहना है कि “राहुल गांधी को सभी विपक्षी दलों को गठबंधन करने के लिए पवार से हाथ मिलाना चाहिए।” विपक्षी नेताओं की चाय पार्टी का आयोजन गांधी द्वारा किया जाना चाहिए था। शिवसेना ये भी दावा किया है कि “शरद पवार सभी विपक्षी दलों को एक साथ ला सकते हैं।
शिवसेना से सवाल करते हुए लिखा कि यूपीए (कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) नामक एक संगठन है, लेकिन क्या देश में एक मजबूत और संगठित विपक्ष है?
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने विपक्ष के नेताओं को इखट्टा करना शुरू कर दिया है