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मोदी सरकार द्वारा 15 दिन में गैस पर 50 रुपए बढ़ाए जाने से राहुल गांधी का फूटा ग़ुस्सा

मोदी सरकार द्वारा 15 दिन में गैस पर 50 रुपए बढ़ाए जाने से राहुल गांधी का फूटा ग़ुस्सा

भूख ऐसी चीज़ है जिसका सामना करने वाला कभी किसी के लिए उसकी कामना नहीं करता, परिवार का मुखिया चाहे मर्द हो या औरत अपने बच्चों के लिए 2 रोटी की जुगत में दिन रात मेहनत करता है, अपने अरमानों को ख़ुद अपने पैरों तले रौंद कर अपने बच्चों के पेट को भरने की फ़िक्र में रहता है, ख़ुद भूखा रह कर अपने परिवार का पेट भरता है।
ऐसे में अगर कोई उनकी इस मेहनत को अधूरा करने की कोशिश में लग जाए उनके अरमानों और सपनों जो केवल अपने परिवार का पेट भरना हो उसमें रुकावट बन जाए तो ज़ाहिर है कि उसकी निराशा और हताशा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता और कभी कभी देखने में आता भी है कि यह निराशा और हताशा आत्महत्या जैसे गंभीर परिणाम सामने लाती है।

पूरे देश में कौन नहीं देख और समझ रहा है कि इस समय ग़रीबों और मज़दूर वर्ग का क्या हाल है! रोज़गार तो गया ही साथ महंगाई इतनी की मिडिल क्लास वर्ग के लिए गंभीर दिक्कतें हो रही हैं, और ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से लेकर उनकी पार्टी BJP के नेताओं का ठाठ-बाट देख कर उन ग़रीबों और मजदूरों की पीड़ा कितनी बढ़ जाती है इसे वह सोच भी नहीं सकते।

Covid-19 महामारी में जहां सरकार को खाने पीने से लेकर दवा इलाज तक हर चीज़ की ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए थी वहां सरकार ने केवल 2 किलो चावल और 3 किलो गेहूं देकर (वह भी राशनकार्ड वालों को) अपना दामन झाड़ लिया।
गैस जिसका रसोईघर में बुनियादी काम है उसके दाम अगर इसी साल 2021 में देखा जाए तो जनवरी से अब तक 8 महीने 1 दिन में 190 रुपए 50 पैसे dam बढ़े हैं, बाक़ी खाने का तेल, सब्ज़ी, दाल वग़ैरह के दाम बढ़े वह अलग, दूसरी तरफ़ मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को आए दिन कुछ न कुछ दिए जा रही है।

इसी मामले को लेकर आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने #IndiaAgainstBJPLoot हैशटैग का प्रयोग करते हुए ट्वीट कर अपने ग़ुस्से को ज़ाहिर किया और कहा कि जनता को भूखे पेट सोने पर मजबूर करने वाला ख़ुद मित्र छाया में सो रहा है…., लेकिन अन्याय कर ख़िलाफ़ देश एकजुट हो रहा है।

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