राहुल गाँधी ट्रैक्टर से संसद पहुंचे, पहले भी चला चुके हैं ट्रैक्टर नवंबर 2020 से केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को कांग्रेस ने समर्थन किया है।
राहुल गाँधी किसानों की ओर से जारी विरोध प्रदर्शन में ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन पहुंचे। एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी का ट्रैक्टर प्रेम जाहिर हुआ ओर इसे लेकर चर्चा का दौर जारी है।
तीन नए कृषि कानूनों को लेकर नवंबर 2020 से किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से ही कांग्रेस लगातार किसानों के साथ खड़ी है। किसानों को समर्थन देने के लिए पार्टी ने ने दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में किसानों को समर्थन देने के नाम पर कहीं रैली निकाली तो कहीं प्रदर्शन किया।
राहुल गांधी को गाड़ी चलाने का शौक है इसलिए जब-जब मौका मिलता है वे कांग्रेस के ऐसे सभी कार्यक्रमों में खुद ही ट्रैक्टर चलाना पसंद करते हैं। कहा जाता है कि 15-16 साल पहले भी राहुल गांधी अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र अमेठी में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए ट्रैक्टर चलाया करते थे। लेकिन धीरे-धीरे यहां का सांसद रहते हुए उनमें ट्रैक्टर चलाने का शौक पैदा हो गया।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को साथ बिठाकर लुधियाना के खेतों में ट्रैक्टर चलाते दिखे थे। राहुल गांधी के ट्रैक्टर चलाने को लेकर अक्सर भारतीय जनता पार्टी उन पर सवाल भी उठाती रही है। जब-जब राहुल गांधी इस तरह ट्रैक्टर चलाते हैं सोशल मीडिया पर यूजर भी यह पूछते रहते हैं कि क्या उनके पास ट्रैक्टर चलाने का लाइसेंस है?
राहुल गाँधी समय समय पर ट्रैक्टर चलकर सुर्खियां बटोरते रहे हैं। कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में 5 अक्तूबर 2020 को पंजाब में ‘किसान बचाओ यात्रा’ निकाली। इस रैली के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ट्रैक्टर पर सवार थे।
केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली हरियाणा बॉर्डर पर पहुंची थी। राहुल गांधी उस समय भी अपने कुछ नेताओं के साथ ट्रैक्टर चला कर रैली में पहुंचे।
फरवरी में राहुल गाँधी किसान आंदोलन के समर्थन में राजस्थान की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे थे। उन्हें किशनगढ़-सुरसुरा होते हुए रूपनगढ़ पहुंचना था। रूपनगढ़ पहुंचने से पहले राहुल गांधी एक ट्रैक्टर पर सवार हुए और ट्रैक्टर चलाते हुए सभा स्थल पर पहुंच गए।
राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में भी 22 फरवरी 2021 को किसानों के समर्थन में हुए ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लिया। गौरतलब है कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर विरोध में बैठे हैं। संसद के मानसून सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर किसान संसद लगाई जा रही है। किसानों का कहना है कि संसद के मानसून सत्र तक यह किसान संसद भी चलेगी।