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राहुल गांधी विदेश जाकर देश विरोधी बयान देने वाले पहले नेता: किरन रिजिजू

राहुल गांधी विदेश जाकर देश विरोधी बयान देने वाले पहले नेता: किरन रिजिजू

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह देश, लोकतंत्र और सिस्टम के खिलाफ विदेश में बयान देने वाले पहले विपक्षी नेता हैं। रिजिजू ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के ऐसे बयान भारत की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाते हैं और देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर संदेह पैदा करते हैं।

राहुल गांधी हाल ही में कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में दिए गए अपने भाषण को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने वहां कहा था कि “भारत के लोकतंत्र पर हमला हो रहा है” और यह देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है। राहुल ने भाजपा और आरएसएस की विचारधारा को ‘कायरता’ करार दिया। उनके इस बयान के बाद भाजपा ने उन्हें देशविरोधी बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।

रिजिजू ने कहा कि “अब तक किसी भी विपक्षी नेता ने विदेश में जाकर भारत के खिलाफ बात नहीं की थी। राहुल गांधी पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने ऐसा किया है।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज या शरद पवार जैसे बड़े नेताओं ने कभी देश की छवि को नुकसान नहीं पहुँचाया, भले ही वे सरकार में न हों या विपक्ष में।

न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी का यह कहना कि भारत विश्व नेतृत्व नहीं कर सकता, बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है — चाहे वह अर्थव्यवस्था हो, विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति या तकनीक।” रिजिजू के मुताबिक, राहुल गांधी का बयान विदेशों में यह धारणा बना सकता है कि भारत पिछड़ा या अस्थिर देश है, जबकि वास्तविकता इसके उलट है।

रिजिजू ने जनरेशन जेड (Gen Z) पर राहुल गांधी की टिप्पणी को भी अनुचित बताया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को नई पीढ़ी की समझ नहीं है। यही युवा वर्ग है जिसने कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया और प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़ा है।” उन्होंने कहा कि आज का युवा भ्रष्टाचार, वंशवाद और परिवारवादी राजनीति से तंग आ चुका है और वह विकास की राजनीति को प्राथमिकता देता है।

अभिव्यक्ति की आजादी पर बोलते हुए रिजिजू ने कहा कि “भारत में हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन अगर कोई देश तोड़ने, माओवादियों या अलगाववादियों का समर्थन करने की बात करे, तो यह आजादी नहीं बल्कि राष्ट्रविरोध है।” उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग प्रधानमंत्री मोदी की लगातार निंदा करते हैं, वही आजादी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

रिजिजू ने अंत में कहा कि विपक्ष को चाहिए कि वह विदेश जाकर देश की आलोचना करने के बजाय संसद और लोकतांत्रिक संस्थाओं के भीतर अपनी बात रखे, क्योंकि “भारत के लोग अब समझ चुके हैं कि सच्चाई किसके साथ है।”

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