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बदलापुर एनकाउंटर पर सवाल, जज की निगरानी में या सीबीआई से जांच की मांग

बदलापुर एनकाउंटर पर सवाल, जज की निगरानी में या सीबीआई से जांच की मांग

बदलापुर में बलात्कार के आरोपी अक्षय शिंदे (24) के एनकाउंटर और सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए विपक्ष ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। इसी के साथ अक्षय के पिता ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में अपने बेटे के एनकाउंटर की स्वतंत्र जांच के लिए याचिका दायर कर दी है।

विवादित स्थान पर एनकाउंटर
इस तथ्य ने एनकाउंटर को और अधिक संदेहास्पद बना दिया है कि पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को तळोजा जेल से ठाणे सीआईडी ऑफिस ले जाते समय जिस जगह पर एनकाउंटर में मारा, वह वही जगह है जहां अंबानी धमकी मामले के आरोपी मनसुख हिरेन की हत्या हुई थी और फिर उसकी लाश कलवा खाड़ी में मिली थी। यह जगह बाईपास के उस 4 किलोमीटर लंबे हिस्से में है, जो सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में नहीं है, और जहां साक्ष्यों को मिटाना अपेक्षाकृत आसान है। एनकाउंटर का कोई चश्मदीद गवाह न होना भी इसे संदिग्ध बना देता है।

जज की निगरानी या सीबीआई से जांच की मांग
सरकार की नीयत पर शक जाहिर करते हुए विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि बच्चियों का यौन शोषण करने वाले मुख्य आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस ने अक्षय का एनकाउंटर कर दिया। सीआईडी ने एनकाउंटर की जांच शुरू कर दी है, जबकि विपक्ष ने जज की निगरानी में या सीबीआई से जांच की मांग की है। विपक्ष का आरोप है कि स्कूल प्रशासन और केस के मुख्य आरोपियों को बचाने के लिए अक्षय को मौत के घाट उतार दिया गया।

आदित्य ठाकरे ने कई सवाल उठाए
शिवसेना(यूबीटी) के नेता विधायक आदित्य ठाकरे ने एक्स पोस्ट में कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि “पता चला है कि जिस स्कूल में 4 साल की बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ, उसके ट्रस्टियों का बीजेपी से संबंध है और इसी कारण उन्हें बचाया जा रहा है। स्थानीय पुलिस किसे बचा रही है? बदलापुर स्कूल के ट्रस्टी कहां हैं? उन्हें सरकार क्यों बचाने की कोशिश कर रही है?”

हथकड़ी थी तो बंदूक कैसे छीनी: संजय राउत
शिवसेना (उद्धव) के प्रवक्ता और सांसद, संजय राउत ने सवाल किया कि “आरोपी के दोनों हाथों में हथकड़ी और चेहरे पर नकाब था, तो वह पुलिस अधिकारी की रिवॉल्वर कैसे छीन सकता है और 3 राउंड फायर कैसे कर सकता है?” उन्होंने आरोपी को पुलिस हिरासत में ले जाते हुए वीडियो शेयर किया और कहा कि “वीडियो में भी इसकी पुष्टि होती है कि आरोपी के हाथों में हथकड़ी और चेहरे पर नकाब था।” उन्होंने पुलिस के बयान को झूठी कहानी करार दिया।

क्या कुछ नाम सामने आने वाले थे?
एनसीपी (शरद पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि “अक्षय का अपराध बेहद जघन्य था। इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के बाद उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी ताकि भविष्य में कोई और ऐसा करने की हिम्मत न कर सके। एनकाउंटर में हत्या करना सही नहीं है। लगता है कि जांच में कुछ बड़े नाम सामने आने वाले थे और इसी डर से पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया है।”

पहले स्कूल का फुटेज गायब, अब एनकाउंटर?
विधायक जितेंद्र आव्हाड ने हैरानी जताई कि “जिस स्कूल में बच्चियों के साथ बलात्कार होता है, उसका सीसीटीवी फुटेज गायब हो जाता है। स्कूल के डायरेक्टर को इसकी जानकारी थी, लेकिन वह पुलिस स्टेशन न जाकर फरार हो गया। आरोपी गिरफ्तार हुआ, मगर उसे गोली मार दी गई।” उन्होंने भी सवाल किया कि “क्या अक्षय शिंदे बहुत कुछ जानता था और वह पुलिस को बता सकता था, इसलिए उसे मार दिया गया? क्या उसके बयान से बड़े लोग बेनकाब हो सकते थे? क्या असली आरोपियों को बचाने के लिए उसे मारा गया?”

शिवसेना (उद्धव) की नेता सुषमा अंधारे ने संकेत दिया कि “जिस पुलिस अधिकारी संजय शिंदे ने अक्षय पर गोली चलाई, उसका रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा (जो वर्तमान में एकनाथ शिंदे की शिवसेना के सदस्य हैं) की टीम का हिस्सा रह चुका है। उस पर भी कई आरोपियों को भगाने का आरोप लग चुका है। अंधारे ने भी एनकाउंटर की जांच की मांग की।

सरकार के इस आरोप पर कि विपक्ष बलात्कार के आरोपी का समर्थन कर रहा है, कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा है कि “जब पुलिस की हरकत पर सवाल उठ रहे हैं तो सरकार जवाब देने के बजाय विपक्ष पर सवाल खड़े कर रही है। बीजेपी सरकार दोषी है, वह झूठ बोल रही है और अपना अपराध दूसरों पर थोप रही है।” उन्होंने कहा कि अगर पुलिस अक्षय शिंदे की तरह बदलापुर केस के सभी आरोपियों का एनकाउंटर करती है, तो विपक्ष सरकार के साथ खड़ा होगा।

आरएसएस और बीजेपी से जुड़े स्कूल प्रशासन को बचाने की कोशिश
यशवंतराव चव्हाण सेंटर में मीडिया से बात करते हुए नाना पटोले ने सनसनीखेज आरोप लगाया कि यह जानकारी सामने आई है कि बदलापुर के उस स्कूल में छोटी बच्चियों की अश्लील वीडियो बनाई जा रही थीं, जो बेहद भयावह है। वह स्कूल बीजेपी और आरएसएस का है और सरकार स्कूल की गतिविधियों को छिपाने और स्कूल के डायरेक्टर को बचाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि मामूली जेबकतरों को भी पुलिस हथकड़ी लगाती है, तो क्या अक्षय शिंदे को हथकड़ी नहीं लगाई गई? क्या वह आपका दामाद था? क्या अक्षय ने जिस पुलिस वाले की रिवॉल्वर छीनी, उसने उसे लॉक नहीं किया था? बदलापुर केस के बाकी आरोपी अभी तक क्यों नहीं पकड़े गए? उन्होंने मांग की कि “इस मामले के अन्य आरोपियों को भी अक्षय शिंदे जैसी सजा दी जाए।”

इस संदर्भ में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सफाई देते हुए कहा है कि “अगर कोई आरोपी पुलिस पर गोली चलाएगा, तो क्या पुलिसकर्मी अपनी रक्षा में गोली नहीं चलाएंगे? अपनी सुरक्षा में गोली चलाने से अक्षय की मौत हुई है। इस पर राजनीति करना सही नहीं है।”

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