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सुन्नी उलमा बोर्ड का सवाल, 24 घंटे अखंड पाठ सही, 2-3 मिनट की अजान से दिक्कत

सुन्नी उलमा बोर्ड का सवाल, 24 घंटे अखंड पाठ सही, 2-3 मिनट की अजान से दिक्कत

हिजाब विवाद के बाद एक बार फिर हलाल मीट, मस्जिदों के लाउडस्पीकर एवं नवरात्रि के दौरान मांस की बिक्री जैसे विभिन्न मुद्दों के माध्यम से देश के आपसी सौहार्द को बिगाड़ने का काम जोर-शोर से जारी है।

सुन्नी उलमा परिषद ने कर्नाटक में मस्जिदों में लाउडस्पीकर और दिल्ली के मेयर द्वारा नवरात्रि के दौरान मांस की दुकान के मालिकों को शटर बंद करने की चेतावनी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कुछ हिंदू ताकतें राष्ट्र को घृणा की ओर धकेल रही हैं और यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

बता दें कि बुधवार को ही कर्नाटक पुलिस ने अपने नोटिस में मस्जिदों से निर्धारित डेसीबल स्तर के साथ ही लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने को कहा है। कर्नाटक में 300 से अधिक मस्जिदों को पुलिस की ओर से नोटिस जारी किया गया है, वहीं दिल्ली के मेयर ने नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखने की बात कही है।

इस पूरे घटनाक्रम पर सुन्नी उलमा परिषद के महासचिव हाजी मोहम्मद सालीस ने कहा है कि उन्हें दो-तीन मिनट में पूरी हो जाने वाली अज़ान से भी समस्या है। 24 घंटे होने वाले अखंड पाठ से हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर यह लोग क्यों ध्यान नहीं देते ?

हाजी मोहम्मद ने कहा कि देश का माहौल ऐसा कर दिया गया है कि अगर हम टोपी पहनते हैं, दाढ़ी रखते हैं या हिजाब पहनते हैं तो समस्या खड़ी की जाती है। मॉब लिंचिंग हो जाती है। हद तो यह है कि वह हमारे खानपान पर भी नजर रखे हुए हैं।

सुन्नी उलमा परिषद के महासचिव ने कहा कि हम यह बात नहीं समझ पा रहे हैं कि ऐसा क्यों किया जा रहा है ? हमारे देश में सदियों से हर धर्म के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर रहते हैं लेकिन अब माहौल खराब किया जा रहा है। देश का आपसी सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों के खिलाफ जनता को ही आगे आना होगा।

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