ग़ाज़ा में जारी नरसंहार के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन
दिल्ली के जंतर मंतर पर सिविल सोसाइटी की प्रमुख हस्तियों ने ग़ाज़ा में इज़रायल द्वारा किए जा रहे रक्तपात और नरसंहार के खिलाफ ज़ोरदार आवाज़ उठाते हुए इज़रायल की बर्बर और आक्रामक कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की। दिल्ली के जंतर मंतर पर शुक्रवार को हुए बड़े विरोध प्रदर्शन में न केवल ग़ाज़ा की बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की गई बल्कि चेतावनी दी गई कि, ग़ाज़ा पर इज़रायली सैन्य या राजनीतिक नियंत्रण कायम करने की कोई भी कोशिश वहां जारी मानवीय संकट को और गंभीर बना देगी।
सिविल सोसाइटी द्वारा जारी संयुक्त बयान में ग़ाज़ा में तुरंत युद्ध-विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और वैश्विक शक्तियों से निर्णायक कदम उठाने की अपील की गई। साथ ही खाद्य सामग्री, ईंधन और चिकित्सीय सहायता पहुँचाने के लिए तत्काल मानवीय गलियारे खोलने की मांग भी की गई। बयान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारत सरकार से मांग की गई कि वे इज़रायल की आक्रामक नीतियों की निंदा करते हुए उसके साथ सभी सैन्य और रणनीतिक संबंध निलंबित करें।
इसके साथ ही, वैश्विक शक्तियां और भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के गिरफ्तारी वारंट और संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इज़रायल के अवैध कब्ज़े को समाप्त करने और एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीन राज्य की स्थापना के पक्ष में दिए गए प्रस्ताव का समर्थन करें।
इसमें भारत की जनता से भी आह्वान किया गया कि वे ग़ाज़ा पर इज़रायली अवैध कब्ज़े के विरुद्ध चल रहे अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का पूरा समर्थन करें। देशभर की सिविल सोसाइटी और सामाजिक संस्थाओं की ज़िम्मेदारी है कि वे जनता में फ़िलिस्तीन के समर्थन में जागरूकता अभियान चलाएँ, इज़रायली उत्पादों के बहिष्कार के लिए मानसिक तैयारी करें और शांतिपूर्ण विरोधी गतिविधियों को और तेज़ करें।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आम नागरिकों, छात्रों, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ दिल्ली और आस-पास के राज्यों से सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। मौक़े पर वक्ताओं ने इज़रायल की बर्बरता की कड़ी निंदा की और फ़िलिस्तीनियों के खिलाफ उसकी आक्रामक कार्रवाइयों को नरसंहार करार दिया। प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम बहुल देशों से भी अपील की गई कि वे इज़रायल और अमेरिका पर फ़िलिस्तीन में रक्तपात समाप्त करने के लिए अपने प्रभाव का भरपूर इस्तेमाल करें।
विरोध में शामिल लोगों ने ज़ोरदार ढंग से कहा कि किसी भी क़ौम के नरसंहार पर दुनिया का मूकदर्शक बने रहना अस्वीकार्य और अमानवीय है। इसलिए सरकारों, संस्थाओं और व्यक्तियों की यह ज़िम्मेदारी है कि वे अपनी नैतिक, मानवीय और संवैधानिक ज़िम्मेदारी महसूस करते हुए इज़रायल की बर्बरता को समाप्त करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाएँ।

