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प्रधानमंत्री मोदी की इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी से भारत को मिला वैश्विक मंच

प्रधानमंत्री मोदी की इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी से भारत को मिला वैश्विक मंच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इटली में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति को महत्वपूर्ण मजबूती मिली है। यह सम्मेलन वैश्विक नेताओं के बीच सहयोग, विकास और सुरक्षा के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का एक प्रमुख मंच है, और भारत के लिए इसमें शामिल होना एक महत्वपूर्ण अवसर था।

पीएम मोदी की इस शिखर सम्मेलन में भागीदारी से कई महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं। सबसे पहले, भारत को विश्व मंच पर अपनी चिंताओं और प्राथमिकताओं को प्रस्तुत करने का अवसर मिला। जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, वैश्विक अर्थव्यवस्था और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने भारत की भूमिका और योगदान को रेखांकित किया। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत की सकारात्मक छवि मजबूत हुई है।

दूसरे, प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बातचीत की, जिससे भारत के संबंध और मजबूत हुए। जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान विभिन्न देशों के साथ सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा हुई, जिससे व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी सकारात्मक संकेत मिले हैं।

तीसरे, जी-7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी ने भारत को वैश्विक स्वास्थ्य संकटों से निपटने में अपनी क्षमता और अनुभव साझा करने का मौका दिया। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की वैक्सीन निर्माण और वितरण क्षमता की सराहना की गई। इससे वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया गया।

चौथे, प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण और सतत विकास पर भारत की प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट किया। जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा पर भारत के प्रयासों को वैश्विक नेताओं द्वारा सराहा गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व की छवि और मजबूत हुई।

अंततः, प्रधानमंत्री मोदी की इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी से भारत को एक वैश्विक नेता के रूप में प्रतिष्ठित करने में महत्वपूर्ण मदद मिली है। इससे न केवल भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि में सुधार हुआ है, बल्कि विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर भारत की दृष्टिकोण और योगदान को भी प्रमुखता मिली है। यह शिखर सम्मेलन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ, जिससे देश को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति और प्रभाव को मजबूत करने का अवसर मिला है।

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