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अमेरिकी फर्म के सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी  दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता

अमेरिकी फर्म के सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी  दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता

अमेरिका की रिसर्च फर्म Morning Consult के ताज़ा सर्वे के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार पाँचवीं बार दुनिया का सबसे लोकप्रिय लोकतांत्रिक नेता घोषित किया गया है। 4 से 10 जुलाई 2025 के बीच किए गए इस वैश्विक लीडर रैंकिंग सर्वे में, दुनिया भर के लोकतांत्रिक नेताओं को उनके शासन के दौरान सात दिनों की औसत लोकप्रियता के आधार पर आंका गया। सर्वे में पीएम मोदी को 75% समर्थन मिला, जो उन्हें हाल ही में चुने गए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे मयोंग (59% समर्थन) से भी आगे रखता है। सर्वे के अनुसार, हर चार भारतीयों में से तीन ने मोदी की नेतृत्व क्षमता पर संतोष जताया, जबकि 18% ने नापसंदगी और 7% ने तटस्थ राय दी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो 2024 में फिर से व्हाइट हाउस लौटे, उन्हें केवल 44% समर्थन मिला और वे आठवें स्थान पर रहे। उनकी कम रेटिंग का कारण अमेरिका में घरेलू और व्यापारिक नीतियों से जुड़े विवाद बताए गए हैं, जिन्होंने जनमत को विभाजित किया है। Morning Consult ने स्पष्ट किया कि यह रैंकिंग 4 से 10 जुलाई के बीच एकत्र किए गए डेटा पर आधारित है और प्रत्येक देश के वयस्क नागरिकों की राय का औसत है।

भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने यह जानकारी सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “एक अरब से अधिक भारतीयों का स्नेह और विश्वभर में लाखों लोगों का सम्मान प्राप्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर Morning Consult की ग्लोबल लीडर रैंकिंग में शीर्ष पर हैं। वे दुनिया के सबसे भरोसेमंद नेता हैं — मज़बूत नेतृत्व, वैश्विक सम्मान और भारत सुरक्षित हाथों में है।”

यह सर्वे ऐसे समय सामने आया है जब प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने 4078 दिन पूरे किए हैं, जिससे उन्होंने इंदिरा गांधी के 4077 दिनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए देश के सबसे लंबे कार्यकाल वाले दूसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं। उनसे आगे केवल जवाहरलाल नेहरू हैं। प्रधानमंत्री मोदी कम से कम सितंबर 2021 से इस ग्लोबल लीडर ट्रैकर में लगातार शीर्ष पर बने हुए हैं। तब उनकी अप्रूवल रेटिंग 70% थी, जो 2022 के शुरुआती महीनों तक बढ़कर 71%, फिर 2023 में 76% और फरवरी 2024 में 78% तक पहुँच गई थी, जिससे उनकी वैश्विक स्थिति और भी मज़बूत हो गई।

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