‘लव जिहाद’ पर प्रज्ञा ठाकुर का बयान, ‘माता-पिता खुद रखें अपनी बेटियों का ख्याल
भोपाल की पूर्व सांसद और बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने हाल ही में “लव जिहाद” और बेटियों की परवरिश को लेकर दिए बयान से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि माता-पिता को अपनी बेटियों पर नज़र रखनी चाहिए और अगर वे किसी “अन्य धर्म” के युवक के पास जाने की कोशिश करें, तो परिवार को उन्हें रोकने के लिए सख्ती बरतनी चाहिए।
उनके अनुसार, जब बेटियाँ बड़ी होती हैं तो वे अपने निर्णय खुद लेने लगती हैं और कभी-कभी गलत प्रभाव में आकर घर से भागने तक की कोशिश करती हैं। ऐसे में परिवारों को सतर्क रहना चाहिए और आवश्यक हो तो सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
साध्वी प्रज्ञा के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। आलोचकों का कहना है कि यह बयान महिलाओं की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों की अवहेलना करता है। उनका तर्क है कि किसी भी लड़की को अपनी पसंद से जीवनसाथी चुनने का अधिकार है, और परिवार द्वारा किसी तरह का दबाव या डर दिखाना न तो नैतिक है और न ही कानूनी। वहीं, साध्वी प्रज्ञा के समर्थकों का कहना है कि उनका उद्देश्य पारंपरिक परिवार व्यवस्था और सामाजिक मूल्यों की रक्षा करना है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विवादित बयान अक्सर चुनावी माहौल में ध्रुवीकरण पैदा करते हैं और जनता का ध्यान आकर्षित करते हैं। उनका यह बयान सिर्फ भोपाल या मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल होकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
कई महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने साध्वी प्रज्ञा के बयान की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी तरह की हिंसा या दबाव व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है। वहीं, कुछ वर्गों ने इसे “परिवार की जिम्मेदारी” के रूप में बचाव किया। इस विवाद ने एक बार फिर “लव जिहाद” और पारिवारिक नियंत्रण को लेकर समाज में पुरानी बहस को नया रूप दे दिया है। आने वाले दिनों में इस बयान के राजनीतिक और कानूनी असर पर और चर्चाएँ होने की संभावना है।

