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हिमाचल में सियासी उठा पटक अभी भी जारी, विक्रमादित्य सिंह पर सबकी निगाह

हिमाचल में सियासी उठा पटक अभी भी जारी, विक्रमादित्य सिंह पर सबकी निगाह

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार पर से खतरा अभी टला नहीं है। राज्यसभा चुनाव में अपने छह विधायकों द्वारा क्रॉस-वोटिंग के बाद कांग्रेस पर पैदा हुए संकट को टालने के एक दिन बाद भी कई घटनाक्रम ऐसे घटे हैं जो कांग्रेस के लिए ख़तरे के संकेत हैं। विक्रमादित्य सिंह का खेमा सीएम सुक्खू को बदलने को लेकर आर–पार के मूड में नज़र आ रहा है।

पार्टी सांसद और राज्य प्रमुख प्रतिभा सिंह बीजेपी की तारीफ़ कर रही हैं और उधर बागी छह विधायकों ने बैठक की है। तो क्या सच में कांग्रेस का संकट ख़त्म हो गया है?चंडीगढ़ में कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों से मिल कर दिल्ली पहुंचे विक्रमादित्य सिंह के अगले कदम को लेकर सस्पेंस बरकरार है।

प्रतिभा सिंह ने कहा है कि कांग्रेस की तुलना में भाजपा का सभी निर्वाचन क्षेत्रों में काम बेहतर रहा है। उन्होंने एएनआई से कहा, ‘कांग्रेस में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। एक सांसद के रूप में मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करती रहती हूं और स्थानीय लोगों से बातचीत करने और उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयास करती हूं। उनकी प्रतिक्रिया से मुझे यह समझ में आया है कि भाजपा का कामकाज हमसे बेहतर रहा है।’

वहीं बीजेपी में शामिल होने को लेकर विक्रमादित्य सिंह की दुविधा यह है कि इससे वीरभद्र सिंह की सियासी विरासत एक तरह से खत्म हो जाएगी। ऐसे में दूसरा विकल्प यह है कि विक्रमादित्य “वीरभद्र कांग्रेस” जैसी नई पार्टी का एलान कर सकते हैं। हिमाचल विधानसभा के मौजूदा संख्याबल के मुताबिक विक्रमादित्य सिंह के साथ तीन और विधायक टूटे तो सुक्खू सरकार गिर जाएगी।

वहीं, स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों को यदि कोर्ट से फौरी राहत मिल जाती है तो फिर सदन में अकेले विक्रमादित्य सरकार गिराने के लिए काफी होंगे। इस बीच सीएम सुक्खू विक्रमादित्य के करीबी विधायकों को अपने पाले में करने में जुटे हैं। वहीं कांग्रेस आलाकमान भी शिमला पर नजर बनाए हुए है।

विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार रात छह बागी विधायकों से मुलाकात की थी। इन छह बागी विधायकों की क्रॉस-वोटिंग ने इस राजनीतिक तूफान को जन्म दिया। हालाँकि छह बार के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने क्रॉस-वोटिंग नहीं की, लेकिन उस दिन उन्होंने गुस्सा दिखाया था। उन्होंने कांग्रेस पर अपने पिता की स्मृति का अनादर करने का आरोप लगाया।

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