आंतरिक सुरक्षा के लिए पुलिस को मिलेगी बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करने की अनुमति
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पुलिस को बायोमैट्रिक डेटा एकत्र करने की अनुमति देने वाले विधेयक पर कहा कि अपराधिक प्रक्रिया विधेयक लाने की सरकार की मंशा देश की कानून व्यवस्था एवं आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है।
अमित शाह ने कहा कि इस कानून के मसौदे में इस बात का ध्यान रखा गया है। हम प्रयास कर रहे हैं कि इस विधेयक के माध्यम से अपराधियों के साथ-साथ अपराधों के आरोपी व्यक्तियों के बायोमैट्रिक डेटा लेने के लिए पुलिस को कानूनी मंजूरी दी जाए। केंद्रीय गृह मंत्री ने इस विधेयक पर चर्चा करते हुए कहा कि इस विधेयक के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार एक मॉडल जेल मैनुअल भी तैयार कर रही है जिसे राज्य सरकारों को भेजा जाएगा।
इस जेल मैनुअल से बहुत सारी चिंताओं का समाधान किया जा सकता है। इसमें कैदियों के पुनर्वास, उन्हें फिर से मुख्यधारा में लाने, जेल अधिकारियों के अधिकारों को सीमित करने, सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने तथा अनुशासन स्थापित करने जैसे विषयों से संबंधित अलग-अलग प्रावधान मौजूद हैं। साथ ही महिलाओं के लिए अलग और खुली जेल बनाने के बात भी योजना का हिस्सा है।
गृहमंत्री ने कहा कि यह विधेयक कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 की जगह लेगा। वर्तमान कानून मौजूदा स्थिति, विज्ञान एवं अदालत में अपराध साबित करने एवं कानूनी एजेंसियों को मजबूत करने जैसे विभिन्न दृष्टिकोण को देखते हुए प्रासंगिक नहीं रह गया है। यह विधेयक वर्तमान कानून के तहत आने वाली परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ सबूत एकत्र करने के लिए भी सुरक्षाबलों को अतिरिक्त बल देगा।
उन्होंने कहा कि अदालतों में अपराधियों के जुर्म साबित करने के लिए सुरक्षाबलों को शक्ति देना होगी। एक तरह से कानून व्यवस्था की स्थिति और देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाएं रखने के लिए इस विधेयक की बेहद आवश्यकता है।