शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने रोका
MSP समेत तमाम मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शनिवार को दिल्ली मार्च बुलाया। 101 किसानों का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच के लिए निकला। हालांकि, शंभू बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग करके उनका रास्ता रोक दिया। जब किसानों ने बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया।
जानकारी के अनुसार इस दौरान कुछ किसान घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए पास के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर किसानों का विरोध मार्च फिर से शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही हरियाणा सरकार ने ‘सार्वजनिक शांति’ बनाए रखने के लिए अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाओं को निलंबित कर दिया था। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह निलंबन 17 दिसंबर तक लागू रहेगा।
प्रशासन के पास एम्बुलेंस भी खत्म हो गई है। अब किसान अपनी गाड़ियों से घायलों को अस्पताल ले जा रहे हैं। तनाव बरकरार है। अंबाला के डीसी ने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह दिल्ली कूच के लिए अड़े हैं। करीब 40 मिनट तक तीखी बहसबाजी भी हुई। अंबाला के डीसी ने किसानों को समझाया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचारधीन है। 18 दिसंबर को सुनवाई होगी। तब तक धैर्य रखें, पर किसान नहीं माने।
किसानों का समर्थन देने के लिए हरियाणा के कांग्रेस नेता व पहलवान बजरंग पुनिया भी शंभू मोर्चे पर पहुंचे गए हैं। इससे पहले छह व आठ दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली जाने का प्रयास किया था, लेकिन हरियाणा पुलिस ने बार्डर पर रोक दिया था। आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद किसानों को लौटना पड़ा था।