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पुलवामा में लश्कर के 6 आतंकियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पुलवामा में लश्कर के 6 आतंकियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

शुरुआती जांच के दौरान पता चला है कि ये आतंकवादी आतंक वित्त का प्रबंधन करने के अलावा युवाओं को हाइब्रिड आतंकवादी बनने के लिए प्रेरित करने जैसे कार्यों में शामिल थे।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पुलिस द्वारा एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है। पुलिस ने बताया कि आतंकी संगठन लश्कर से जुड़े 6 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि सभी आतंकी लॉजिस्टिक आश्रय प्रदान करने और युवाओं को हाइब्रिड आतंकवादियों के रूप में कार्य करने के लिए प्रेरित करने का काम किया करते थे।

आतंकियों की पहचान रउफ अहमद लोन, अमजद आकिब, मकबूल बट,जावेद अहमद डार, अरशद अहमद मीर,रमीज राजा, सज्जाद अहमद डार, के रूप में हुई है।

शुरुआती जांच के दौरान पता चला है कि ये आतंकवादी आतंक वित्त का प्रबंधन करने के अलावा युवाओं को हाइब्रिड आतंकवादी बनने के लिए प्रेरित करने जैसे कार्यों में शामिल थे। जांच टिम को यह भी पता चला है कि ये सभी आतंकवादी कमांडर रियाज अहमद डार, खालिद, आतंकी संगठन लश्कर के शीराज़ के लिए काम कर रहे थे और लगातार उनके संपर्क में बने हुए थे।

वहीं कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने गुरुवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के लिए आतंकवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं का पता लगाना एक बड़ी चुनौती भरा काम है। हालांकि इसके बावजूद इस साल उनमें से अब तक 150 को गिरफ्तार किया जा चुका है।

आईजीपी ने बडगाम में संवाददाताओं से कहा ओवरग्राउंड वर्कर स्थायी रूप से एक जगह नहीं रहते। ओजीडब्ल्यू कुछ गतिविधियां करते हैं और फिर सामान्य जीवन की ओर लौट जाते हैं।इसलिए हम उन्हें हाइब्रिड आतंकवादी या आतंकवादी सहयोगी कहते हैं।

उन्होंने कहा यह पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती भरा काम है। हालांकि हम इस साल अब तक 150 ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार कर चुके हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद पत्थरबाजी की पृष्ठभूमि वाले और ऑनलाइन दुष्प्रचार के प्रभाव में आने वाले लोग ही हथियार उठाते हैं।

बता दें कि गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में एक मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने के आरोप में 15 लोगों को हिरासत में लिया गया । पुलिस सूत्रों ने बताया कि चेतावनी के बावजूद उग्र भीड़ ने मुठभेड़ स्थल तक पहुंचने का कोशिश की और सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की। सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के शंकरपुरा नौगाम में 16 मार्च को तीन आतंकवादियों को मोत के घाट उतार दिया दिया था।

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