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पीएम को संवैधानिक कद को ध्यान में रखते हुए बयान देना चाहिए: शरद पवार

पीएम को संवैधानिक कद को ध्यान में रखते हुए बयान देना चाहिए: शरद पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने शनिवार को कहा कि पीएम को अपने संवैधानिक कद को ध्यान में रखकर बयान देना चाहिए। शरद पवार ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस तंज के बाद मीडिया से कही, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पवार के बतौर कृषि मंत्री रहते किसानों के लिए किए गए कामों को लेकर सवाल उठाए थे।

शरद पवार ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”पीएम का पद बहुत महत्वपूर्ण पद होता है। पीएम को अपने संवैधानिक कद को ध्यान में रखते हुए बयान देना चाहिए। मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे क्यों टारगेट किया, लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उनको ठीक से जानकारी नहीं दी गई होगी। जो भी पीएम मोदी ने मेरा बारे में कहा, मैं उसका जवाब पीएम के पद की मर्यादा को ध्यान में रखकर दू्गा। वे साईं बाबा के दर्शन करने गए थे, वहां शरद पवार के दर्शन करने की क्या जरूरत थी।

एनसीपी चीफ़ ने कहा कि, देश में कई राज्य हैं जहां भाजपा की सत्ता नहीं। कुछ में वे तोड़फोड़ के बाद सत्ता में आए। और जहां हैं भी, तो कमजोर स्थिति में हैं। सत्ता खोने के डर ने ही उन्हें ऐसे बयान देने के लिए मजबूर किया। मेरे कार्यकाल के दौरान ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) न केवल तेजी से बढ़ा, बल्कि मैंने कुछ महत्वपूर्ण मिशन भी लॉन्च किए, जिसके कारण फसल उत्पादन में वृद्धि हुई।

बता दें कि शरद पवार 2004-2014 के बीच यूपीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में कृषि मंत्री थे। वहीं, महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान बिना नाम लिए शरद पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि बीजेपी नीत सरकार सक्रिय रूप से किसानों को सशक्त बना रही है, जबकि कुछ लोग किसानों का प्रतिनिधित्व करने की आड़ में राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त थे।

शरद पवार ने इस दौरान यह भी बताया कि 10 साल के यूपीए सरकार के दौरान उन्होंने कृषि मंत्री के रूप में संकट की स्थिति का सामना किया था। पवार ने कहा, ”मैं शिरडी में पीएम मोदी द्वारा दिए गए बयान को लेकर स्पष्ट रुख अपनाना चाहता हूं। मैं 2004 से 2014 के बीच कृषि मंत्री रहा। कृषि मंत्री के तौर पर पहले दिन से मैं संकट की स्थिति का सामना कर रहा था।

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