प्रधानमंत्री मोदी का ऑस्ट्रेलिया दौरा और बीबीसी डॉक्यूमेंट्री
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया का ऐतिहासिक दौरे पर हैं। जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी की अपनी यात्रा के समापन के बाद तीन देशों की अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम में सिडनी पहुंचे थे, वहां उनका भव्य स्वागत हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऑस्ट्रेलिया में हुए स्वागत से गदगद नज़र आए थे, और उन्होंने घोषणा की थी कि भारत जल्द ही ब्रिस्बेन में एक नया वाणिज्य दूतावास खोलेगा।
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि जब भी कोई आपदा आती है तो भारत दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। उन्होंने भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में “उज्ज्वल स्थान” के रूप में भी सराहा। ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में उनकी तारीफ़ों के पुल बांधे और उनकी तुलना प्रसिद्ध रॉकस्टार ब्रूस स्प्रिंगस्टीन से की जिन्हें उनके प्रशंसक ‘द बॉस’ के रूप में भी जानते हैं। इस दौरान अल्बनीस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ‘द बॉस’ हैं।
ऑस्ट्रेलिया में जहाँ एक तरफ़ प्रधान मंत्री का भव्य स्वागत हुआ वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया में बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई। यह डॉक्यूमेंट्री ऑस्ट्रेलिया की संसद में दिखाई गई। यह वही डॉक्यूमेंट्री है, जिसके प्रदर्शन पर भारत सरकार ने रोक लगाई है।
बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री जिस पर भारत सरकार ने रोक लगाई है, उसे काफ़ी विवादित कहा जा सकता है,क्योंकि जिस गुजरात दंगे को बीस साल गुज़र चुके हैं, और लोग सारे दुखों को भुलाकर, अपनी नई ज़िन्दगी को संवारने के लिए काम, धंधे में व्यस्त हो चुके हैं उस समय अचानक डॉक्यूमेंट्री बनाने का क्या मतलब है? नरेंद्र मोदी आज भारत ही नहीं पूरे विश्व के प्रिय नेता बन चुके हैं।
बीबीसी द्वारा बनाई गई,यह डॉक्यूमेंट्री विवादित और संदेहास्पद क्यों है ?
बीबीसी के दो भागों वाली डॉक्यूमेंट्री में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 2002 में उनके राज्य में नरसंहार के दौरान मोदी के कार्यों की जांच की गई है। स्क्रीनिंग के बाद एक चर्चा होगी जो गुजरात दंगों के साथ-साथ 2014 से उनकी निगरानी में भारत पर केंद्रित होगी। वक्ताओं में जेल में बंद गुजरात पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट की बेटी आकाशी भट्ट, आकार पटेल शामिल हैं। आकार पटेल भारत में एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्व प्रमुख हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे की समाप्ति के फ़ौरन बाद ऑस्ट्रेलियाई संसद में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाने का क्या औचित्य है ? क्या यह भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं है? एक तरफ़ तो प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया जाता है, दूसरी तरफ वहां की संसद में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होती है।
ऑस्ट्रेलियाई संसद में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग, यूरोपीय देशों की गहरी साज़िश मालूम देती है, क्योंकि भारत द्वारा रूस से तेल का व्यापार और उससे होने वाली भारतीय तरक़्क़ी से यूरोपीय देशों में खलबली मची हुई है। या फिर यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को कम करने की साज़िश है, क्योंकि यह डॉक्यूमेंट्री, भारत द्वारा रूस से तेल का व्यापार करने के बाद बनी है।