असम में पीएम मोदी का बयान, ‘मैं शिव भक्त, सारा ज़हर निगल जाता हूं’,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असम दौरा रविवार (14 सितंबर) को पूर्वोत्तर के विकास और राजनीति, दोनों ही दृष्टिकोण से अहम रहा। दरांग ज़िले में आयोजित एक बड़े जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने 18,530 करोड़ रुपये से अधिक की आधारभूत संरचना और औद्योगिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान मोदी ने खुद को भगवान शिव का भक्त बताते हुए कहा कि वह अपने विरोधियों द्वारा दिए गए ज़हर को सह सकते हैं, लेकिन असम और असमी अस्मिता का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
शिव भक्त और ‘जहर’ की उपमा
प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे कितनी भी गालियां दी जाएं, मैं भगवान शिव का भक्त हूं और सारा जहर पी जाता हूं। लेकिन किसी और का अपमान मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता।” उन्होंने यह टिप्पणी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दी और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने असम के महान कलाकार भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने के समय अपमानित किया था। मोदी के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष ने उस समय तंज कसते हुए कहा था कि “मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहा है।”
असम और पूर्वोत्तर का विकास
प्रधानमंत्री मोदी ने असम और पूर्वोत्तर के विकास पर ज़ोर देते हुए कहा कि 1962 के चीन युद्ध के घाव आज भी इस क्षेत्र के लोगों के दिलों में ताज़ा हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने असम को संघर्ष से विकास की ओर अग्रसर किया है। प्रधानमंत्री के अनुसार, असम आज 13 प्रतिशत की विकास दर से देश के सबसे तेज़ी से बढ़ते राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि जनता की मेहनत और केंद्र-राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।
ऑपरेशन सिंदूर और धार्मिक भावनाएं
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं और मां कामाख्या के आशीर्वाद का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “मां कामाख्या की कृपा से ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा” और असम की इस पवित्र भूमि पर आकर उन्हें विशेष आध्यात्मिक अनुभव होता है।
कांग्रेस पर हमला
अपने संबोधन में मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी असम और असम की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करना भूल गई है। उन्होंने विशेष तौर पर भूपेन हजारिका का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने उन्हें भारत रत्न देकर असमी समाज के गौरव को पुनर्स्थापित किया है।
स्वदेशी उत्पादों पर बल
प्रधानमंत्री ने असम की जनता और पूरे देश से अपील की कि वे विदेशी सामान की बजाय स्वदेशी और मेड इन इंडिया उत्पादों को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा, “जब भी कोई उपहार खरीदो, तो वह भारत की मिट्टी की खुशबू से भरा होना चाहिए। यही सच्चा राष्ट्रवाद और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम है।” इस तरह प्रधानमंत्री मोदी का यह असम दौरा विकास परियोजनाओं के उद्घाटन से लेकर सांस्कृतिक अस्मिता और राजनीतिक संदेश तक, कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

