अजमेर शरीफ दरगाह के 813वें उर्स पर पीएम मोदी चादर भेजेंगे
एक तरफ अजमेर दरगाह परिसर में एक शिव मंदिर होने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर भेज रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को शाम 6 बजे एक कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को एक खास ‘चादर’ सौंपेंगे। यह ‘चादर’ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह में चढ़ाई जाएगी।
एक्स पर पीएम मोदी ने तब तस्वीरें भी शेयर की थी और पोस्ट में लिखा था, “मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। हमारी बातचीत के दौरान, मैंने पवित्र चादर पेश की, जिसे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान प्रतिष्ठित अजमेर शरीफ दरगाह पर रखा जाएगा।
अजमेर शरीफ दरगाह भारत की सबसे प्रसिद्ध सूफी दरगाहों में से एक है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स यानी को उनके निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल 28 दिसंबर से 813वें उर्स की शुरुआत हुई है, जिसे पूरे देश और विदेशों से आने वाले लाखों लोगों के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से हर साल इस विशेष अवसर पर चादर भेजने की परंपरा निभाई है। पिछले साल 812वें उर्स के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री की ओर से चादर चढ़ाई थी।
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के मीडिया प्रभारी के मुताबिक, किरेन रिजिजू और जमाल सिद्दीकी ‘चादर’ को एक कार्यक्रम में दरगाह के जिम्मेदार लोगों को सौंपेंगे। यह चादर ख्वाजा गरीब नवाज के मजार-ए-अख्दस पर बिछाई जाने वाली एक आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। उर्स के मौके पर दरगाह पर चादर चढ़ाने की परंपरा पुरानी है और आमतौर पर लोग किसी मन्नत के लिए इस तरह की भेंट किया करते हैं।