पीएम मोदी ने आम बजट में महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार किया: उद्धव ठाकरे
बजट 2024: आम बजट पर राज्य के विपक्षी नेताओं ने कड़ी आलोचना की है और इसे आंध्र प्रदेश और बिहार पर मेहरबानी वाला बजट करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह महाराष्ट्र के लिए निराशाजनक बजट है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि “मोदी ने आम बजट में महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार किया है और राज्य को कोई फंड नहीं दिया है। उन्होंने मुंबई को लूटा है। पिछले 10 वर्षों में महाराष्ट्र को पीछे किया जा रहा है।”
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की वर्किंग प्रेसिडेंट और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जो बजट पेश किया, उसमें महाराष्ट्र के लिए कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है। अपनी कुर्सी बचाने के लिए ‘लाडला आंध्र प्रदेश और लाडला बिहार’ कहकर इन राज्यों को बहुत सारे फंड का ऐलान किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र से केंद्र को सबसे ज्यादा टैक्स मिलता है, इसके बावजूद उसे नजरअंदाज किया गया है। बजट में महाराष्ट्र के साथ यह नाइंसाफी क्यों?
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि “महाराष्ट्र से केंद्र को सबसे ज्यादा टैक्स मिलता है और यहां की महायुति सरकार मोदी और अमित शाह की लाडली सरकार है, इसके बावजूद आम बजट में महाराष्ट्र को ठेंगा दिखाया गया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र से नफरत करती है।” उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के समय जो घोषणा पत्र जारी किया था, आम बजट में केंद्र सरकार ने उसी की योजनाओं का ऐलान किया है।
वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में किसानों के लिए कोई खास ऐलान नहीं किया है। यह अब स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र के कपास, संतरा, धान, प्याज और सोयाबीन के किसानों को भूल चुकी है। इसलिए बजट एक बार फिर किसान विरोधी साबित हुआ है। जनता पूछेगी कि महायुति सरकार महाराष्ट्र की आत्म-सम्मान को कितनी बार आहत करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि “लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार गारंटी योजना लाने का ऐलान किया था, हमने इस योजना के तहत इंटर्नशिप देने का वादा किया था। केंद्रीय वित्त मंत्री ने मंगलवार को उसी का ऐलान किया। एक तरफ विपक्ष को धांधली का कल्चर कहकर आलोचना की जाती है तो दूसरी तरफ बजट में उन्हीं की योजनाएं अपनाई जाती हैं।”
समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख के मुताबिक, इस बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश की सहयोगी पार्टियों को खुश करने और केंद्र सरकार को स्थिर करने की कोशिश की गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि “आम बजट के जरिए मंदिरों पर राजनीति करने की कोशिश की गई है। हालांकि बिहार और ओडिशा में मंदिर के दर्शन के नाम पर फंड दिया गया है, लेकिन प्राचीन मंदिर होने के बावजूद महाराष्ट्र को इस योजना से बाहर रखा गया है। धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल बनाने की योजना में राज्य में अल्पसंख्यक वर्गों के किसी भी पवित्र स्थल को शामिल नहीं किया गया है।”