पीएम मोदी ने वाराणसी में मॉरीशस PM रामगुलाम से मुलाकात मुलाक़ात की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मंगलवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का स्वागत किया। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने 3 किलोमीटर लंबे रोड शो में हिस्सा लिया, जबकि विरोध की आशंका को देखते हुए कांग्रेस और सपा के करीब 200 कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया।
भारत-मॉरीशस संबंधों की अहमियत
भारत और मॉरीशस के रिश्ते ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और मानवीय बंधनों पर आधारित हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में मॉरीशस, भारत की “पड़ोसी प्रथम नीति” और “विजन महासागर (MAHASAGAR)” का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भारत की SAGAR नीति का विस्तारित रूप है, जिसका उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, व्यापार, ऊर्जा और संसाधन प्रबंधन में सहयोग को बढ़ावा देना है।
स्वागत की भव्य तैयारियाँ
मॉरीशस प्रधानमंत्री रामगुलाम का बाबतपुर एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने स्वागत किया। एयरपोर्ट से होटल ताज तक के मार्ग को सजाया गया और 11 स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। स्कूली बच्चों ने भारत और मॉरीशस के राष्ट्रीय ध्वज लहराकर दोनों प्रधानमंत्रियों का अभिनंदन किया। शंखनाद, डमरु वादन और लोक नृत्यों ने काशी की परंपरा का रंग भर दिया।
द्विपक्षीय वार्ता और अहम मुद्दे
रामगुलाम होटल ताज में ठहरे और अगले दिन मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता में शामिल हुए। इस बैठक में आर्थिक सहयोग, पर्यटन, समुद्री सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विदेशी समकक्ष के सम्मान में लंच पार्टी भी दी।
गंगा आरती और सांस्कृतिक अनुभव
शाम को प्रधानमंत्री रामगुलाम संत रविदास घाट से विवेकानंद क्रूज पर सवार होकर दशाश्वमेध घाट पहुंचे और गंगा आरती का दर्शन किया। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आयोजित रात्रिभोज में भी वे शामिल हुए। 12 सितंबर की सुबह मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने बाबा विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद वे अयोध्या के लिए रवाना हुए, जहाँ राम मंदिर का दौरा भी तय है।
यात्रा का महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा भारत और मॉरीशस के रिश्तों को और गहराई देगी। वैश्विक टैरिफ युद्ध और समुद्री सुरक्षा की चुनौतियों के बीच वाराणसी से हुआ यह संवाद न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देगा बल्कि वैश्विक दक्षिण के लिए सहयोग का नया मॉडल भी प्रस्तुत करेगा।

