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यासीन मलिक की सजा के खिलाफ लोगो ने किया प्रदर्शन , दस लोग गिरफ्तार

यासीन मलिक की सजा के खिलाफ लोगो ने किया प्रदर्शन, दस लोग गिरफ्तार

आतंकवादी यासीन मलिक को मिली सजा के विरोध में लोगो ने नारेबाजी और पथराव किया इसी के आरोप में पुलिस ने के श्रीनगर में दस लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि और आरोपियों की भी पहचान की गई है और उन्‍हें जल्‍द ही अरेस्‍ट कर लियाा जाएगा।

पुलिस की ओर से यह गिरफ्तारियां आधी रात को की गईं। पुलिस के अनुसार यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने के पहले आरोपी कल उसके घर के बाहर दंगा, देशविरोधी/सांप्रदायिक नारेबाजी और गुंडागर्दी में शामिल थे। पुलिस ने कहा, की मध्‍य रात्रि में कई स्‍थानों पर छापेमारी की गई जिस में यह गिरफ्तारियां की गईं। मुख्‍य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

श्रीनगर के एसएसपी राकेश बलवाल ने बताया कि इस संबंध में मैसूमा पुलिस स्‍टेशन में एफआईआर नंबर 10/ 2022 के तहत यूपीपीए के सेक्‍शन 13 और आईपीसी के सेक्‍शन 120B,147,148,149 और 336 के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्‍होंने बताया कि प्रदर्शन के लिए उकसाने वालों पर भी पब्लिक सेफ्टी एक्‍ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उन्‍हें जम्‍मू-कश्‍मीर के बाहर जेल में रखा जाएगा। पुलिस ने कहा की हम सख्‍ती से कहा कि श्रीनगर में कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति बिगाड़ने वाले या उस के किसी भी प्रयास को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। ऐसे किसी भी तरह के प्रयासों से कानून की पूरी ताकत से निपटा जाएगा।

उल्लेखनीय है की बुधवार को श्रीनगर के मैसूमा इलाके में जेकेएलएफ चेयरमैन यासीन मलिक के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुई थीं। टेरर फंडिंग मामले में मलिक के खिलाफ कोर्ट के फैसले के पहले, शहर के कई हिस्‍सों में स्‍वस्‍फूर्त बंद की सी स्थिति थी। श्रीनगर के लाल चौक सिटी सेंटर से थोड़ी दूर पर स्थित मलिक के मैसूमा स्थित निवास पर महिलाओं सहित कई लोग एकत्रित हुए थे और उनके समर्थन में नारेबाजी की थी। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव भी किया था। भीड़ को तितरबितर करने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। हालांकि किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताते चलें कि दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को यासीन मलिक को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी और सजा सुनाते हुए कहा कि इन अपराधों का मकसद भारत के विचार की आत्मा पर हमला करना और भारत संघ से जम्मू-कश्मीर को जबरदस्ती अलग करने का था।

 

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