पेगासस जासूसी कांड: क्या इस्राईल से खरीदा था स्पाईवेयर? विपक्ष ने पूछा
देश में संसद के मॉनसून सत्र का आज दूसरा दिन हैं. कल की तरह आज भी संसद में पेगासस जासूसी कांड पर हंगामा चल रहा है. विपक्षी पार्टियां पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमला कर रहीं हैं जिसके चलते संसद की कार्यवाही को लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह ही स्थगित करना पड़ा है. बता दे आज संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही सिर्फ 5 मिनट ही ये कार्यवाही चल सकी थी कि विपक्षी पार्टियों ने पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया जिसके बाद लोकसभा 2 बजे तक और राज्यसभा 11 बजे तक स्थगित कर दी गई थी
जब12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही को दोबारा शुरू किया गया तब भी विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरना शुरू किया जिसके बाद दोबारा से कार्यवाही को स्थगति कर दिया गया.
जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई और विपक्षी पार्टियां पेगासस जासूसी कांड के बारे में हंगामा करने लगी तो स्पीकर ओम बिरला ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए विपक्ष से कहा कि आप लोग जिस विषय पर चर्चा चाहते हैं, नोटिस दीजिए. सरकार हर विषय पर चर्चा की प्रतिबद्धता जता चुकी है तो विपक्ष नारेबाजी क्यों कर रहा है. ये उचित नहीं है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने मांग करते हुए कहा कि पेगासस जासूसी कांड की जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) गठित करके कराई जाए. इस विवाद में जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या सरकार ने इस्राईल से स्पाईवेयर खरीदा था. अगर नहीं तो गलत तरीके से भारतीय नागरिकों के फोन को हैक किया गया ? सरकार इस मामले में कटघरे में है.
शिवसेना के सांसदों ने भी पेगासस जासूसी कांड की जांच संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी से कराने की मांग की. शिवसेना सांसदों का कहना है कि इस तरह की जासूसी गोपनीयता और स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला है. ये मामला बेहद गंभीर है.
आप के सांसद संजय सिंह ने कहा कि पेगासस स्पाइवेयर विवाद की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक हाई लेवल एसआईटी गठित करके करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी की जांच से ही इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा
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