ISCPress

पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने 1,000 कर्मचारियों को बाहर निकाला

पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने 1,000 कर्मचारियों को बाहर निकाला

पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने परिचालन को अनुकूल बनाने और कर्मचारियों की लागत को 15 प्रतिशत तक कम करने के लिए छंटनी का फैसला किया है। कपनीं ने अपने सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर कर दिया है। पेटीएम के विभिन्न विभागों में 1,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी के कुल कार्यबल का करीब दस प्रतिशत छंटनी की चपेट में आया है।

फिनटेक कंपनी पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस की ओर से अपने सभी यूनिट्स से 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ये कंपनी की कुल वर्कफोर्स का करीब 10 प्रतिशत है। कंपनी ने ये फैसला अपनी लागत को कम करने के लिए और सभी बिजनेस को फिर से संगठित करने के लिए लिया है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई। इस निर्णय का सीधा कंपनी के छोटी टिकट साइज के लोन और बाय नाउ पे लेटर पर पड़ेगा।

एक तरफ पेटीएम ने एक हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया, दूसरी तरफ वो नई भर्तियों की बात भी कह रही है। कंपनी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि वह आने वाले वर्ष में अपने मुख्य भुगतान व्यवसाय में मैनपावर को 15,000 तक बढ़ाने की योजना बना रही है। कंपनी ने कहा, “भुगतान प्लेटफॉर्म में एक प्रमुख स्थिति और एक सिद्ध लाभदायक व्यवसाय मॉडल के साथ, हम भारत के लिए काम करना जारी रखेंगे।” कंपनी ने कहा कि उसका इरादा बीमा और धन जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों का विस्तार करने का है।

बता दें कि सिर्फ पेटीएम में ही नहीं एआई की वजह से नौकरियां गई हैं। एआई-संचालित तकनीक का इस्तेमाल करके नए जमाने की कंपनियों में लागत को घटाया गया है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि नए जमाने की वित्तीय कंपनियों के क्षेत्र में चालू वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने अपनी नौकरियां खो दी हैं।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि Google और Amazon समेत 6 बड़ी टेक कंपनियां जल्द ही भारत में नियुक्ति पर रोक लगाने वाली हैं। इकोनॉमिक टाइम्स ने कहा कि गूगल और फेसबुक (मेटा) जैसी कंपनियां आईटी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सबसे अधिक मांग वाली कंपनियों में से कुछ हैं, लेकिन इन कंपनियों के जल्द ही भारत में पूरी तरह से भर्ती पर रोक लगने की संभावना है।

Exit mobile version